केंद्र में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता की कोशिशों को एक बड़ा झटका लगा है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), बहुजन समाज पार्टी के बाद अब आम आदमी पार्टी (आप) ने भी सोमवार को कांग्रेस की ओर से बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में भाग न लेने का ऐलान किया है।
कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह बैठक नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ देश भर में हो रहे प्रदर्शनों को लेकर विपक्ष की एकजुटता का संदेश देने के लिए बुलाई है। सोमवार की सुबह मायावती ने तीन ट्वीट कर बैठक से दूरी बनाने की बात कह दी। बसपा मुखिया मायावती ने राजस्थान में कांग्रेस से मिले धोखे का हवाला देते हुए कहा कि बाहर से सरकार को समर्थन देने के बाद भी दो बार उनके विधायकों को तोड़ा गया।
मायावती ने ट्वीट कर कहा, “जैसा कि विदित है कि राजस्थान में कांग्रेसी सरकार को बीएसपी का बाहर से समर्थन दिए जाने पर भी इन्होंने दूसरी बार वहां के बीएसपी के विधायकों को तोड़कर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है यह पूर्णतया विश्वासघात है।” दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, “ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में आज विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बीएसपी का शामिल होना, राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा। इसलिए बीएसपी इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी।”
मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “वैसे भी बीएसपी सीएए, एनआरसी आदि के विरोध में है। केन्द्र सरकार से पुन: अपील है कि वह इस विभाजनकारी और असंवैधानिक कानून को वापिस ले। साथ ही, जेएनयू और अन्य शिक्षण संस्थानों में भी छात्रों का राजनीतिकरण करना यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण।”
वहीं, अब आम आदमी पार्टी ने कहा है कि उन्हें इस बैठक के लिए नहीं बुलाया गया है। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि “हमें ऐसी किसी भी बैठक की जानकारी नहीं है। इसलिए बैठक में जाने का कोई मतलब ही नहीं। हमें इसकी जानकारी नहीं है।”
AAP MP Sanjay Singh on party to not attend today's Opposition meeting called by Congress: We have no information about any such meeting. So,makes no sense to attend a meeting we have no information about https://t.co/92aLWUJowi pic.twitter.com/gkaQZMebVs
— ANI (@ANI) January 13, 2020
बता दें कि इसके पूर्व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने भी कांग्रेस की इस बैठक में न जाने की बात कही थी। ममता ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वामपंथी दलों की ओर से हिंसा भड़काने के कारण वह 13 जनवरी की बैठक का हिस्सा नहीं बनेंगी।
सीएए के खिलाफ एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए और छात्रों के खिलाफ पुलिस की कथित बर्बरता के विरोध में विपक्षी दल आज दोपहर दो बजे संसद उपभवन में बैठक करेंगे। कांग्रेस ने समान विचारधारा की सभी पार्टियों को एक साझा मंच पर आने का आमंत्रण भेजा है। समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के नए गठबंधन साझेदार शिवसेना बैठक में शामिल हो सकते हैं। (इंपुट: आईएएनएस के साथ)