JNU हिंसा: दिल्ली पुलिस ने जारी की संदिग्धो की तस्वीर, छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष का भी नाम

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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) कैंपस में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार (10 जनवरी) को नौ संदिग्धों की तस्वीर जारी की और दावा किया कि जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष उनमें से एक थीं। जेएनयू हिंसा मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के उपायुक्त जॉय तिर्की ने संवाददाताओं को बताया कि इस सभी संदिग्धों की पहचान की गई है। पुलिस का कहना है कि नौ में से सात वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े हैं जबकि दो दक्षिणपंथी छात्र संगठन से जुड़े हैं।

दिल्ली पुलिस

जॉय तिर्की ने बताया कि बड़ी संख्या में छात्र शीत सेमेस्टर के लिए पंजीकरण कराना चाहते थे लेकिन छात्र निकायों ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया। जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत कुछ लोगों ने पांच जनवरी को पेरियार छात्रावास में छात्रों पर हमला किया। तिर्की ने बताया कि जेएनयू के पेरियार छात्रावास में कुछ खास कमरों को निशाना बनाया गया।दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष सहित परिसर में हमला करने वाले संदिग्धों की तस्वीर जारी की।

छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष के अलावा चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, पंकज कुमार, भास्कर विजय, सुजेता तालुकदार, प्रिय रंजन, योगेंद्र भारद्वाज, विकास पटेल और सोनल सामंता नाम के लोगों की पहचान की गई है। उन्होंने बताया कि अभी तक किसी को पूछताछ के लिए हिरासत में नहीं लिया गया है लेकिन जल्दी ही संदिग्धों से पूछताछ शुरू की जाएगी।

जांच से साबित होता है कि जेएनयू हिंसा में वामपंथी छात्र शामिल थे: प्रकाश जावड़ेकर

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में पांच जनवरी को हुए हमले की दिल्ली पुलिस द्वारा जारी प्रारंभिक जांच में स्पष्ट हुआ है कि वामपंथी संगठनों से जुड़े छात्र घटना में शामिल थे। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पुलिस द्वारा रहस्योद्घाटन ‘बहुत महत्वपूर्ण’ है क्योंकि पार्टी के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को बदनाम करने के लिए दुर्भावनापूर्ण अभियान चलाया जा रहा है।

जेएनयू के कुलपति और पुलिस आयुक्त को तत्काल हटाया जाए: कांग्रेस

कांग्रेस ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) में पिछले दिनों हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की ओर से कुछ संदिग्धों की तस्वीरें जारी किए जाने के बाद पुलिस पर राजनीतिक दबाव में काम करने का आरोप लगाया और कहा कि जेएनयू के कुलपति जगदीश कुमार के साथ ही शहर के पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को तत्काल हटाया जाए।

पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने कुछ वीडियो और तस्वीरें पेश करते हुए दिल्ली पुलिस की जांच पर सवाल खड़े किये और कहा कि इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए एवं जांच के दायरे में गृह मंत्री अमित शाह को भी लाया जाए। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘हमें उम्मीद थी कि दिल्ली पुलिस की जांच में न्याय दिखेगा, जो लोग दोषी हैं उनके नाम लिए जाएंगे, जिन नकाबपोशों को लोगों ने टीवी पर देखा, उनकी पहचान की जाएगी। लेकिन दुख की बात यह है कि दिल्ली पुलिस की जांच की निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह लग गए हैं।’

माकन ने पांच जनवरी को जेएनयू परिसर में हिंसा का उल्लेख करते हुए कहा, ‘दिल्ली पुलिस ने उस दिन साढ़े तीन बजे की घटना का उल्लेख करके नौ नाम निकाले। लेकिन शाम से रात तक जिन लोगों ने वहां हिंसा की उनके बारे में कुछ नहीं कहा। तस्वीर में दिल्ली पुलिस जिस एक युवक को विकास पटेल बता रही है, हकीकत में उसका नाम शिव मंडल है। इससे पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।’

इस मामले में उन्होंने पुलिस पर संलिप्तता का आरोप लगाया और कहा, ‘कुलपति को हटाया जाए। इसके साथ पुलिस कमिश्नर को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए।’ माकन ने कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पहले ही कहा है कि इस घटना की निष्पक्ष न्यायिक जांच होनी चाहिए। हम फिर से दोहराते हैं कि इस मामले की न्यायिक जांच हो।’ए क सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस मामले में गृह मंत्री की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। (इंपुट: भाषा के साथ)

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