अक्सर अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता व हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के नागरिकता पर सवाल उठाया, जिसका अलका लांबा ने उन्हें करारा जवाब दिया है।

अनिल विज ने कांग्रेस की ओर से नागरिकता संशोधन कानून(CAA) और एनआरसी(NRC) का विरोध करने पर कहा कि सोनिया गांधी ने खुद तो इटली से आकर भारत की नागरिकता ले ली, लेकिन वह दूसरों को नागरिकता देने पर सवाल खड़े कर रही हैं। भाजपा नेता अनिज विज के इस बयान पर कांग्रेस नेता अलका लांबा ने उन्हें करारा जवाब दिया है। साथ ही अलका लांबा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनकी पत्नी जशोदाबेन को लेकर भी तंज कसा है।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने गुरुवार को कहा, ‘सोनिया गांधी इटली से यहां आई थीं और उन्होंने नागरिकता ली थी, लेकिन ये लोग पाकिस्तान में सताए गए हमारे हिंदू और सिख भाइयों को मिल रही नागरिकता का विरोध कर रहे हैं। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान भी उनके समूह का हिस्सा हैं। वे एक ही भाषा बोलते हैं।’
Haryana Home Minister, Anil Vij: Sonia Gandhi came here from Italy & took citizenship but these people are opposing when our Hindu&Sikh brothers, who were persecuted in Pakistan are getting citizenship.Pakistan PM is also a part of their union,they speak the same language.(26.12) pic.twitter.com/9PP8fIUzxC
— ANI (@ANI) December 26, 2019
अनिल विज के इस बयान पर अलका लांबा ने ट्वीट कर कहा, “सोनिया गांधी के पति राजीव गांधी ने उनको पत्नी होने का पूरा हक और सम्मान दिया है। लेकिन वहीं दूसरी ओर पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी पत्नी जशोदाबेन का हमेशा ही अपमान किया है और उन्हें कभी पत्नी नहीं माना है।”
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, “बहू-बेटियों का जो कर सकी ना सम्मान, संघी मानसिकता कभी बन सकी ना महान। सोनिया गांधी जी को शादी के बाद संविधान के तहत भारत की नागरिकता मिली, उन्होंने हिन्दू धर्म अपनाने के साथ उसे निभाया और जिया भी। जसोदा बेन मोदी के पास पहले से नागरिक है, उसे ही कम से कम न्याय दिलवा दो।”
बता दें कि, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को लेकर इन दिनों देश के कई राज्यों में जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। उत्तर प्रदेश, गुजरात, दिल्ली, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, असम के साथ ही बिहार में भी इस पर जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है। सीएए और एनआरसी के खिलाफ बीते दिनों उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। यूपी में प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में उत्तर प्रदेश में करीब 15 लोगों की मौत हो गई है।