कांग्रेस ने मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी के गिरकर 4.5 फीसदी पहुंचने को लेकर शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि देश के लोग परेशान हैं, लेकिन सरकार बेखबर है और जनता का मजाक बना रही है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा भी किया कि भाजपा की नजर में जीडीपी का मतलब ‘गोडसे डिवाइसिव पॉलिटिक्स’ होता है।
File Photo: The Indian Expressउन्होंने एक बयान में कहा, “बीजेपी की आर्थिक सोच के दिवालियापन का नतीजा है कि दूसरी तिमाही में जीडीपी 6 साल के नीचले स्तर साढ़े चार प्रतिशत पर पहुंच गई है, क्योंकि बीजेपी के लिए अब जीडीपी का अर्थ ‘गोडसे डिवाइसिव पॉलिटिक्स’ हो गया है, जिसकी ग्रोथ लगातार बढ़ रही है और इसीलिए लगता है कि वो जश्न मना रहे हैं।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि भले बीजेपी मानती हो, लेकिन जीडीपी ‘गोडसे डिवाइसिव पॉलिटिक्स’ नहीं हो सकती है। जीडीपी इस देश के किसान, इस देश के नौजवान, इस देश के दुकानदार और व्यापारी की तरक्की का मापदंड है, जिस पर ये सरकार औंधे मुंह गिरी है। आर्थिक मंदी, डूबते हुए व्यापार, जाते हुए रोजगार ने धीरे-धीरे इस देश को आज बर्बादी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है और उसके लिए अगर कोई जिम्मेवार है, तो वो मोदी सरकार है।
उन्होंने कहा, “समय आ गया है कि अब इन ताजा आंकड़ों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद सामने आएं और फेल्ड ‘मोदीनॉमिक्स’ और ‘पकौड़ा नॉमिक्स’ जो वो इस देश में 6 साल से बेच रहे हैं, उस पर अपना स्पष्टीकरण भी दें और देश को आगे का रास्ता भी बताएं।”
BJP के लिए GDP के मायने अब बन गए हैं – गोडसे डिवाइसिव पॉलिटिक्स, जिसकी ग्रोथ लगातार बढ़ रही है और इसलिए लगता है कि वो खुशियां मना रहे हैं!
पर GDP ये नहीं हो सकती है।
GDP इस देश के किसान, नौजवान, दुकानदार और व्यापारी की तरक्की का मापदंड है, जिस पर ये सरकार औंधे मुँह गिरी है! pic.twitter.com/HaMeLgnuNd
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 29, 2019
गौरतलब है कि, देश के आर्थिक मंदी की चपेट में होने के स्पष्ट संकेत देने वाले ताजा जीडीपी आंकड़े चिंता पैदा करते हैं। शुक्रवार को भारत सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार साल की दूसरी तिमाही में देश की विकास दर लुढ़क कर 4.5 फीसद पर पहुंच गई है, जो साढ़े 6 साल में सबसे निचला स्तर है। लगातार देश में जारी आर्थिक संकट से इनकार करती रही मोदी सरकार और उसके मंत्रियों के लिए ये आंकड़े आंखें खोलने वाले हैं। आज के आंकड़ों ने विपक्ष की उन चिंताओं को भी सच साबित कर दिया है जिसमें लगातार देश की अर्थव्यवस्था के खराब होने की बात कही जा रही थी। (इंपुट: भाषा के साथ)