सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना ने शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की राज्यपाल के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करनी शुरू कर दी है। कपिल सिब्बल शिवसेना की तरफ से, अभिषेक मनु सिंधवी एनसीपी की तरफ से और देवदत्त कामत कांग्रेस की तरफ से पेश हो रहे हैं। के. के. वेणुगोपाल और तुषार मेहता केंद्र और महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पेश हो रहे हैं।

शिवसेना की तरफ से अदालत में पेश हुए कपिल सिब्बल ने कहा, ‘राज्य में बहुमत 145 सीटों का है। चुनाव पूर्व गठबंधन पहले आता है। चुनाव पूर्व गठबंधन टूट गया। अब हम चुनाव के बाद के गठबंधन पर भरोसा कर रहे हैं।’ कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि महाराष्ट्र में आज ही बहुमत परीक्षण किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट में सिब्बल ने कहा कि, हमने जैसे ही सरकार बनाने की बात की गवर्नर ने इशारे पर काम किया। सुबह 5.47 में राष्ट्रपति शासन हटा किया गया, कोई कैबिनेट की मीटिंग नहीं हुई। शपथ क्या आधार था, किसी को कुछ नही पता।
एनसीपी, कांग्रेस की ओर से पेश अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जोड़-तोड़ की राजनीति रोकने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जोड़-तोड़ की राजनीति को रोकने के लिए जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट की जरूरत है। सिंघवी ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि कल एनसीपी ने फैसला किया कि अजीत पवार विधायक दल के नेता नहीं हैं। अगर उनकी अपनी पार्टी की ताकत नहीं है तो वह उपमुख्यमंत्री कैसे रह सकते हैं?