रजत शर्मा ने DDCA अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा, बताई ये वजह

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वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने शनिवार को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। रजत शर्मा के इस्तीफे की जानकारी DDCA के ट्विटर अकाउंट से दी गई है। इसका कारण उन्होंने संस्था के बीच चल रही ‘खींचतान और दबावों’ में पद पर बने रहने में असमर्थता बताई।

File Photo: India TV

बता दें कि, रजत शर्मा जुलाई 2018 में इस पद के लिए चुने गए थे। शर्मा का लगभग 20 महीने का कार्यकाल उतार चढाव से भरा रहा। इस बीच उनके महासचिव विनोद तिहाड़ा से मतभेद सार्वजनिक तौर पर सामने आई। तिहाड़ा को संगठन में अच्छा समर्थन हासिल है। इसी साल जुलाई में वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा पूर्व क्रिकेटर मदन लाल को 517 मतों से हराकर दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के नए अध्यक्ष बने थे।

रजत शर्मा ने बयान में कहा, ‘‘यहां क्रिकेट प्रशासन हर समय खींचतान और दबावों से भरा होता है। मुझे लगता है कि यहां निहित स्वार्थ हमेशा क्रिकेट के हितों के खिलाफ सक्रिय रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि डीडीसीए में निष्ठा, ईमानदारी और पारदर्शिता के सिद्धांतों के साथ चलना संभव नहीं है जिनसे कि मैं किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करूंगा।’’ शर्मा पूर्व वित्त मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली का समर्थन मिलने पर क्रिकेट प्रशासन से जुड़े थे।

डीडीसीए के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि जेटली के निधन के बाद शर्मा कमजोर पड़ गये थे क्योंकि पूर्व वित्त मंत्री संस्था के विभिन्न गुटों को एकजुट रखने में अहम भूमिका निभाते थे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अपने प्रयास में कई तरह की बाधाओं, विरोध और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, बस मुझे निष्पक्ष और पारदर्शी तरीकों से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकना था।’’ शर्मा ने कहा, ‘‘इसलिए मैंने हटने का फैसला किया है और डीडीसीए अध्यक्ष पद से तत्काल प्रभाव से अपना त्यागपत्र शीर्ष परिषद को सौंप दिया है।’’

रजत शर्मा के इस्तीफे की जानकारी DDCA के ट्विटर अकाउंट से दी गई है। डीडीसीए ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि रजत शर्मा ने डीडीसीए के अध्यक्ष पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे को एपेक्स काउंसिल को भेज दिया गया है।

गौरतलब है कि, रजत शर्मा ने डीडीसीए अध्यक्ष रहते दिल्ली के ऐतिहासिक स्टेडियम फिरोजशाह कोटला का नाम बदलकर अरुण जेटली स्टेडियम रखने का प्रस्ताव दिया था, जिसे मंजूरी भी मिली थी और नाम बदला गया था। बता दें कि दिवंगत पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली और पत्रकार अरुण जेटली अच्छे मित्र थे। इसके अलावा अरुण जेटली DDCA के लंबे समय तक अक्ष्यक्ष रहे थे। (इंपुट: भाषा के साथ)

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