दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार (8 नवंबर) को कहा कि वकीलों और पुलिस के बीच दो नवंबर को हुई झड़प के विरोध में प्रदर्शन करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई वह अगले वर्ष फरवरी में करेगा। गौरतलब है कि, बीते दो नवंबर को तीस हजारी अदालत परिसर में वकीलों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। इस घटना के विरोध में पुलिसकर्मियों ने सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन किया था और धरने पर बैठ गए थे।

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने याचिका पर इससे पहले सुनवाई करने से इनकार किया और वकीलों से कहा कि पुलिस के साथ समझौते के लिए वह अपने सक्षम अधिकारियों की मदद लें। एक वकील ने अदालत में याचिका दायर कर उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी जिन्होंने मामला अदालत के समक्ष विचाराधीन होने के बावजूद सोशल मीडिया पर बयान जारी किए।
इसमें मांग की गई थी कि अदालत केंद्र को धरने पर बैठने वाले, भड़काऊ नारे लगाने वाले और इलेक्ट्रॉनिक तथा सोशल मीडिया पर उकसावे वाले बयान जारी करने वाले दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने का निर्देश दे। मंगलवार को दिल्ली के हजारों पुलिसकर्मियों ने अपने साथियों पर हमलों के विरोध में पुलिस मुख्यालय के बाहर 11 घंटे तक अभूतपूर्व प्रदर्शन किया था।
गौरतलब है कि, बीते दिनों दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच जमकर विवाद हुआ था। बता दें कि, तीस हजारी कोर्ट परिसर में शनिवार को पुलिस कर्मियों और वकीलों के बीच पार्किंग को लेकर कहासुनी हो गई थी, जोकि बाद में बड़ी हिंसा में बदल गई। इस दौरान कम से कम 20 पुलिसकर्मी और कई वकील घायल हो गए थे। कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई या उनमें आग लगा दी गई। (इंपुट: भाषा के साथ)