शिवसेना ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र में सत्ता का रिमोट कंट्रोल अब पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के हाथ में है। पार्टी ऐसा तब बोल रही है जब उसे 2014 के मुकाबले इस बार विधानसभा में कम सीटे मिली हैं। राज्य में 1995 से लेकर 1999 तक पहली शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार के दौरान शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे अक्सर ‘रिमोट कंट्रोल’ शब्द का प्रयोग करते थे।

शिवसेना अन्य मांगों के साथ-साथ चाहती है कि भाजपा उसे लिखित में ‘सत्ता में बराबरी’का हक देने का आश्वासन दे और मुख्यमंत्री पद का कार्यकाल बराबर समय के लिए उसके साथ बांटे। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में अपने स्तंभ ‘रोकटोक’ में संजय राउत ने कहा है, ‘‘शिवसेना ने इस बार कम सीटें जीती हैं। 2014 की 63 के मुकाबले 56 सीटें जीती हैं, लेकिन उसके पास सत्ता की चाबी है।’’
वहीं, शिवसेना ने अपने सहयोगी दल भाजपा से शनिवार को लिखित में आश्वासन मांगा कि वह महाराष्ट्र में ‘सत्ता में बराबर की हिस्सेदारी के फार्मूले’ (50:50) को लागू करेगी। वहीं, विपक्षी कांग्रेस ने कहा है कि उद्धव ठाकरे नीत पार्टी को ‘वैकल्पिक व्यवस्था’ तलाशनी चाहिए।
महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों में बीजेपी को 104 पर जीत मिली है। वहीं सहयोगी शिवसेना को 56 सीटों पर जीत मिली है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने 54 सीटें जीती हैं जबकि कांग्रेस के खाते में 43 सीटें गई हैं। गौरतलब है कि, भाजपा विधानसभा चुनाव में अपनी उम्मीद की अनुरूप प्रदर्शन करने में नाकाम रही है। (इंपुट: भाषा के साथ)