कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने नोबेल पुरस्कार के लिए चयनित अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी के कुछ कथनों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मंगलवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि अब पीएम मोदी को काम पर लग जाना चाहिए और तस्वीरें कम खिंचवानी चाहिए।
कपिल सिब्बल ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर लिखा, “क्या मोदी जी सुन रहे हैं? अभिजीत बनर्जी ने कहा है: भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगाती स्थिति में है, आंकड़ों में राजनीतिक हस्तक्षेप होता है, औसत शहरी और ग्रामीण उपभोग घट गया है जो सत्तर के दशक के बाद कभी नहीं हुआ और हम सब संकट में हैं।” उन्होंने मोदी पर तंज कसते हुए कहा, “काम पर लग जाइए, तस्वीरें कम खिंचवाइए।”
गौरतलब है कि भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को 2019 के लिए अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। उन्हें यह पुरस्कार फ्रांस की एस्थर डुफ्लो और अमेरिका के माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से दिया जाएगा। उन्हें यह पुरस्कार वैश्विक स्तर पर गरीबी उन्मूलन के लिए किए गए कार्यों के लिए मिलेगा।
Is Modiji listening ?
Abhijit Banerjee :
1) Indian economy on shaky ground
2) “ political interference “ in statistical data
3) Average urban and rural consumption gone down – hasn’t happened since the seventies
4) We in (India) are in crisisAttend to work
Less photo-ops— Kapil Sibal (@KapilSibal) October 15, 2019
डगमगाती स्थिति में है भारतीय अर्थव्यवस्था: नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी
अर्थशास्त्र के लिए 2019 का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले अभिजीत बनर्जी ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगाती स्थिति में है। उन्होंने कहा कि इस समय उपलब्ध आंकड़ें यह भरोसा नहीं जगाते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था जल्द पटरी पर आ सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति डगमगाती हुई है। वर्तमान (विकास के) आंकड़ों को देखने के बाद, (निकट भविष्य में अर्थव्यवस्था के पुनरोद्धार) को लेकर निश्चिंत नहीं हुआ जा सकता है।’’ बनर्जी ने अमेरिका से एक समाचार चैनल को बताया, ‘‘पिछले पांच-छह वर्षों में, हमने कम से कम कुछ विकास तो देखा, लेकिन अब वह आश्वासन भी खत्म हो गया है।’’
इस 58 वर्षीय अर्थशास्त्री को उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो और अमेरिका के अर्थशास्त्री माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा हुई है। उन्होंने कहा कि उन्होंने जीवन में कभी भी नहीं सोचा था कि उन्हें इतनी जल्दी नोबेल पुरस्कार मिल जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पिछले 20 वर्षों से शोध कर रहा था। हमने गरीबी उन्मूलन के लिए समाधान देने की कोशिश की।’’
अभिजीत कोलकाता में पैदा हुए और उन्होंने प्रेसिडेंसी कॉलेज से पढ़ाई की। अभिजीत बनर्जी ने जेएनयू से अर्थशास्त्र में मास्टर्स भी किया। बनर्जी वर्तमान में एमआईटी में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रोफेसर हैं। 1990 में जोशुआ एंगरिस्ट के साथ वह डुफ्लो के पीएचडी सुपरवाइजर थे। अभिजीत को ये पुरस्कार जिन तीन लोगों के साथ मिला है, उनमें एक उनकी पत्नी एस्थर डुफलो हैं और एक उनके सहकर्मी मिखाइल क्रेमेर भी हैं। अभिजीत बनर्जी को दुनिया में गरीबी हटाने के उपायों के लिए शोध पर नोबेल मिला है।