सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (1 अक्टूबर) को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को विधानसभा चुनाव से ठीक पहले झटका देते हुए कहा कि 2014 के चुनावी हलफनामे में जानकारी छिपाने के मामले में उन्हें सुनवाई का सामना करना पड़ेगा।
फाइल फोटो- महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीसमहाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दो लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी कथित रूप से मुहैया नहीं कराने के मामले में बंबई हाई कोर्ट का आदेश मंगलवार को निरस्त कर दिया और भाजपा नेता को मामले में सुनवाई का सामना करने का आदेश दिया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने सतीश उके की याचिका पर यह आदेश दिया।
न्यायालय ने इस मामले में 23 जुलाई को फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि फड़णवीस द्वारा 2014 में चुनाव के समय हलफनामे में दो आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं देने की ‘भूल चूक’ के बारे में निचली अदालत निर्णय ले सकती है।गौरतलब है कि, 21 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा के लिए मतदान होगा, जबकि 24 अक्टूबर को परिणाम घोषित होंगे।
फडणवीस पर 2014 के चुनावी हलफनामे में दो आपराधिक केसों की जानकारी छिपाने का आरोप है। ये दोनों केस नागपुर के हैं। इनमें एक मानहानि और दूसरा ठगी का है। वकील सतीश उके ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था कि 2014 के चुनाव का नामांकन दाखिल करते समय में फडणवीस ने झूठा हलफनामा दायर किया था। हालांकि इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि याचिका में तथ्यों की कमी है।


















