उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में अगस्त 2017 में ऑक्सिजन की कमी के कारण 60 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में दो साल से निलंबित चल रहे शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कफील खान को क्लीन चिट दे दी गई है। कफील खान को मिली क्लिनचीट पर आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आज तक के एंकर रोहित सरदाना और रजत शर्मा सहित कई वरिष्ठ पत्रकारों पर निशाना साधा है।
डॉ. कफील खान को मिली क्लिनचीट पर AAP सांसद संजय सिंह ने शुक्रवार देर रात कई वरिष्ठ पत्रकारों के पुराने ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर कर उनपर निशाना साधा। अपने ट्वीट में संजय सिंह ने आज तक के एंकर रोहित सरदाना को भाजपा नेता और वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरासिया को संघ प्रचारक तक बता दिया।
संजय सिंह ने पत्रकारों के पुराने ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, “मीडिया की सुर्ख़ियाँ देखिये भाजपा नेता रोहित सरदाना संघ प्रचारक दीपक चौरासिया ने कफील खान को खलनायक कहा गुनाहों का देवता कहा योगी ने उसे 8 महीने जेल में रखा आज कफ़ील को क्लीन चिट मिल गई कहाँ हैं ये मीडिया के फ़र्ज़ी सुरमा जिनको सुनकर आपका दिमाग़ प्रदूषित होता है।”
मीडिया की सुर्ख़ियाँ देखिये भाजपा नेता रोहित सरदाना संघ प्रचारक दीपक चौरासिया ने @drkafeelkhan को खलनायक कहा गुनाहों का देवता कहा योगी ने उसे 8 महीने जेल में रखा आज कफ़ील को क्लीन चिट मिल गई कहाँ हैं ये मीडिया के फ़र्ज़ी सुरमा जिनको सुनकर आपका दिमाग़ प्रदूषित होता है। pic.twitter.com/SKYmAQibVb
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) September 27, 2019
वहीं, पत्रकार प्रशांत कनौजिया ने रोहित सरदाना से मांग की कि वो कफील खान से मांफी मांगे। प्रशांत कनौजिया ने अपने ट्वीट में लिखा, “मैं इंतज़ार कर रहा हूँ कि रोहित सरदाना कब कफील खान से माफ़ी मांगेंगे। एक बहादुर डॉक्टर को बदनाम करने की साजिश तो सरकार ने किया पर इनके जैसे गोदी एंकरों ने सरकार का भोंपू बनने में कोई कसर नहीं छोड़ी।”
मैं इंतज़ार कर रहा हूँ कि @sardanarohit कब @drkafeelkhan से माफ़ी मांगेंगे। एक बहादुर डॉक्टर को बदनाम करने की साजिश तो सरकार ने किया पर इनके जैसे गोदी एंकरों ने सरकार का भोंपू बनने में कोई कसर नहीं छोड़ी।#DrKafeelKhan pic.twitter.com/VjZH3SCSbr
— Prashant Kanojia (@PJkanojia) September 27, 2019
BRD मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में डॉ. कफील खान आरोपमुक्त
गौरतलब है कि, एक विभागीय जांच ने डॉ. कफील को चिकित्सा लापरवाही, भ्रष्टाचार के आरोपों और हादसे के दिन दिन ठीक से काम नहीं करने के आरोपों से मुक्त कर दिया। गुरुवार को बीआरडी अधिकारियों ने रिपोर्ट की एक कॉपी डॉ. कफील को भेज दी गई है। गोरखपुर ऑक्सीजन कांड में लगे आरोप के लिए कफील को 9 महीने जेल में भी बिताना पड़ा था, इसके बाद वे जमानत पर पर थे। लेकिन, अब करीब दो साल बाद वह इन आरोपों से मुक्त हुए हैं। जमानत पर बाहर आने के बावजूद डॉ. कफील लगातार निलंबित रहे। उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग भी की है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच अधिकारी हिमांशु कुमार, प्रमुख सचिव (टिकट और पंजीकरण विभाग) को यूपी के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 18 अप्रैल को रिपोर्ट सौंपी थी। कफील ने पांच महीने तक उन्हें अंधेरे में रखने के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। 15 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि कफील लापरवाही के दोषी नहीं थे और उन्होंने 10-11 अगस्त, 2017 की रात को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी प्रयास किए थे।
रिपोर्ट में इसका भी जिक्र है कि डॉ. कफील ने अपने सीनियर्स को ऑक्सिजन की कमी से अवगत कराया था और अपनी व्यक्तिगत क्षमता में सात ऑक्सिजन सिलेंडर भी दिए थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कफील अगस्त 2016 तक निजी प्रैक्टिस में शामिल थे, लेकिन उसके बाद नहीं। इसके अलवा रिपोर्ट में यह भी मेंशन है कि तब कफील बीआरडी में इंसेफेलाइटिस वार्ड के नोएल मेडिकल ऑफिसर इन-चार्ज नहीं थे। रिपोर्ट में यह भी साफ किया गया है कि हाल में एक आरटीआई आवेदन पर दिए गए जवाब में यूपी सरकार ने माना था कि 11 मई, 2016 से असिस्टेंट प्रोफेसर भूपेंद्र शर्मा वार्ड के इन-चार्ज थे।
कफील ने आरोपों से मुक्त होने के बावजूद इसके बारे में पांच महीने तक जानकारी नहीं देने को लेकर सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। कफील के अनुसार सरकार असल दोषी को पकड़ने में नाकाम रही और इसलिए उन्हे बलि का बकरा बनाया गया। कफील के अनुसार मेडिकल शिक्षा विभाग ने अब उन्हें आकर प्राइवेट प्रैक्टिस करने के मुद्दे पर अपनी बात रखने को कहा है जबकि इसका बीआरडी मामले से कोई लेना-देना भी नहीं है। कफील ने कहा, ‘सरकार को मुझसे माफी मांगनी चाहिए, पीड़ितों को मुआवजा मिलना चाहिए और घटना की सीबीआई जांच होनी चाहिए।’
Those parents who lost their infants are still waiting for the justice.I demand that government should apologize and give compensation to the victim families.@PTI_News @TimesNow @myogiadityanath @narendramodi @ndtv @ravishndtv @abhisar_sharma @yadavakhilesh @RahulGandhi @UN pic.twitter.com/WaTwQSCUuZ
— Dr kafeel khan (@drkafeelkhan) September 27, 2019