राजस्थान के अलवर के बहरोड़ थाना क्षेत्र में दो साल पहले कथित गोरक्षकों द्वारा पीट-पीट कर मौत के घाट उतारे गए डेरी किसान पहलू खान की हत्या मामले में अलवर जिला न्यायालय ने बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।
बता दें कि, गोतस्करी के शक में 1 अप्रैल 2017 को कथित गोरक्षकों की भीड़ द्वारा पहलू खान की जमकर पिटाई की गई थी, डेयरी बिजनस करने वाले पहलू की 2 दिन बाद मौत हो गई थी। जब यह घटना हुई थी तब राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार थी और उस वक्त राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया थीं।
6 accused in the Pehlu Khan lynching case (2017) in Alwar have been acquitted by a Rajasthan court. pic.twitter.com/oGzsFY64Ri
— ANI (@ANI) August 14, 2019
जानिए क्या था पूरा मामला?
दरअसल, राजस्थान के अलवर के बहरोड़ थाना क्षेत्र में कथित गोरक्षकों की भीड़ द्वारा गाय लेकर जा रहे मुस्लिम समुदाय के 15 लोगों पर किए गए हमले में बुरी तरह जख्मी 55 वर्षीय पहलू खान नाम की मौत हो गई थी। मेवात जिले के नूंह तहसील के जयसिंहपुर गांव के रहने वाले पहलू खान एक अप्रैल, 2017 को अपने दो बेटों और पांच अन्य लोगों के साथ जब गाय खरीदकर लौट रहे थे, तब राजस्थान के बहरोड़ में कथित गोरक्षों ने गो-तस्करी का आरोप लगाकर उन लोगों की जमकर पिटाई की।
भीड़ के हमले में अन्य लोगों के साथ बुरी तरह से पिटाई के शिकार हुए 55 साल के पहलू खान ने 3 अप्रैल को अस्पताल में दम तोड़ दिया। जबकि, बाद में मिले दस्तावेजों से साफ होता है कि उनके पास गाय ले जाने के दस्तावेज भी थे। इन रसीदों में इन लोगों द्वारा जयपुर नगर निगम और दूसरे विभागों को चुकाए गए पैसों की रसीद है, जिसके तहत वे कानूनी रूप से गायों को ले जाने का हक रखते थे।
हैरानी की बात यह थी कि, गोरक्षा के नाम भीड़ कुछ लोगों को मारती रही और पुलिस वहीं खड़ी होकर तमाशा देखती रही। वहीं, राजस्थान के तत्कालीन गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने इस मामले में विवादित बयान देते हुए कहा था कि ‘गोरक्षकों’ ने अच्छा काम किया, लेकिन लोगों की पिटाई कर उन्होंने कानून का उल्लंघन भी किया।