कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के विमान भेजकर राज्य की स्थिति का मुआयना करने के आमंत्रण को ठुकराते हुए मंगलवार को कहा कि उन्हें विमान नहीं चाहिए बल्कि वह सिर्फ यह चाहते हैं कि उन्हें राज्य के लोगों से मिलने की इजाजत मिले।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा, “प्रिय राज्यपाल (जम्मू एवं कश्मीर) मलिक, मैं तथा विपक्षी नेताओं का शिष्टमंडल जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख के दौरे के लिए आपके उदार निमंत्रण को स्वीकार करते हैं… हमें विमान की आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन कृपया सुनिश्चित करें कि हमें घूमने तथा लोगों, मुख्यधारा के नेताओं और वहां तैनात फौजियों से मिलने की आज़ादी मिले…।”
Dear Governor Malik,
A delegation of opposition leaders & I will take you up on your gracious invitation to visit J&K and Ladakh.
We won’t need an aircraft but please ensure us the freedom to travel & meet the people, mainstream leaders and our soldiers stationed over there. https://t.co/9VjQUmgu8u
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 13, 2019
गौरतलब है कि, अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद राज्य में व्याप्त तनाव और दुरह की स्थिति को लेकर कांग्रेस के नेताओं के लगातार हमले के बीच राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राहुल गांधी को कश्मीर आने की चुनौती दी और कहा कि वह यहां की जमीनी हकीकत जानकर ही कुछ कहें।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा, राहुल गांधी एक बड़ी पार्टी के नेता हैं। मैं उनसे परिपक्व बयान की अपेक्षा करता हूं। मैं उनसे उम्मीद करता हूं कि वह संसद में बहस के दौरान बोलें। उन्होंने संसद में कुछ नहीं बोला लेकिन वह अपनी पार्टी की बैठक से बाहर आए और कहना शुरू कर दिया कि कश्मीर में कुछ भी ठीक नहीं है। संसद में उनकी पार्टी की ओर से अधीर रंजन चौधरी बोलते हैं, जिन्हें यह भी नहीं मालूम कि कश्मीर संयुक्त राष्ट्र से क्यों और कैसे जुड़ा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास सरकारी विमान है। हम प्रदेश में आने के लिए उन्हें सरकारी विमान भेज सकते हैं। आप (राहुल गांधी) आएं, अस्पतालों का दौरा करें और उसके बाद कुछ कहें। आज की तारीख में जम्मू-कश्मीर में एक भी आदमी घायल नहीं है।
दरअसल, शनिवार रात कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि जम्मू एवं कश्मीर से हिंसा की कुछ ख़बरें आई हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पारदर्शी तरीके से इस मामले पर चिंता व्यक्त करनी चाहिए। राज्यपाल ने कहा था कि जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने में कोई सांप्रदायिक दृष्टिकोण नहीं है।
उन्होंने कहा था, “अनुच्छेद 35ए और अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान सबके लिए समाप्त किए गए हैं… न लेह, करगिल, जम्मू, रजौरी और पुंछ में और न यहां (कश्मीर) इसे समाप्त करने में कोई सांप्रदायिक दृष्टिकोण है… इसका कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है…’ मलिक ने कहा था कि इस मुद्दे को मुठ्ठीभर लोग हवा दे रहे हैं, लेकिन वे इसमें सफल नहीं होंगे. उन्होंने कहा था, “विदेशी मीडिया ने कुछ (गलत रिपोर्टिंग करने का) प्रयास किया और हमने उन्हें चेतावनी दी है…”