शिवराज सिंह चौहान ने नेहरू को बताया अपराधी, तो दिग्विजय सिंह बोले- ‘नेहरू के पैरों की धूल भी नहीं हैं शिवराज’

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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान द्वारा कथित तौर पर देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू को ‘अपराधी’ बताए जाने पर कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान पंडित नेहरू के पैरों की धूल भी नहीं हैं, उनको शर्म आनी चाहिए। वहीं, सीएम कमलनाथ ने एक ट्वीट कर कहा कि ‘नेहरू को अपराधी कह कर संबोधित करना, बेहद आपत्तिजनक व निंदनीय है।’

शिवराज सिंह चौहान

मध्‍य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय‍ सिंह ने कहा, ‘अंतरराष्‍ट्रीय मीडिया को देखें और जानें की कश्‍मीर में क्‍या हो रहा है। वे (सरकार) आग से खेल रहे हैं, कश्‍मीर को बचाना हमारा सबसे पहला काम होना चाहिए। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और अजित डोभाल से अपील करता हूं कि वे पूरी तरह से सतर्क रहें, अन्‍यथा हम कश्‍मीर को खो देंगे।’

दिग्विजय सिंह ने शिवराज सिंह चौहान पर पलटवार करते हुए कहा कि, “नेहरू जी के पैरों की धूल भी नहीं हैं शिवराज। शर्म आनी चाहिए उनको।”

वहीं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक ट्वीट में किसी का नाम लिए बगैर कहा, “देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें आधुनिक भारत का निर्माता, कहा जाता है.. जिन्होंने आज़ादी के लिए संघर्ष किया, जिनके किए गए कार्य व देशहित में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनको मृत्यु के 55 वर्ष पश्चात आज अपराधी कह कर संबोधित करना बेहद आपत्तिजनक व निंदनीय है।”

बता दें कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर सियासी तकरार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस लगातार मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठा रही है तो बीजेपी भी पलटवार करने से बिल्कुल नहीं चूक रही है। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आर्टिकल 370 पर कांग्रेस को घेरते हुए कहा था कि पूर्व पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू ‘क्रिमिनल’ थे।

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में मीडिया से बातचीत में शिवराज ने नेहरू को ‘क्रिमिनल’ कहने की दो वजह बताई। उन्होंने कहा, ‘पहला कारण यह है कि जब भारतीय फौज कश्मीर से पाकिस्तानी कबाइलियों को खदेड़ते हुए आगे बढ़ रही थी, ठीक उसी वक्त नेहरू ने संघर्ष विराम का ऐलान कर दिया। इस वजह से कश्मीर का एक-तिहाई हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में रह गया। यदि कुछ दिन और सीजफायर की घोषणा नहीं होती, तो पूरा कश्मीर भारत का होता।’

इसके आगे उन्होंने कहा, “जवाहर लाल नेहरू का दूसरा अपराध अनुच्छेद 370 था। भला एक देश में कैसे दो निशान, दो विधान (संविधान) और दो प्रधान अस्तित्व में हो सकते हैं? यह केवल देश के साथ अन्याय नहीं बल्कि अपराध भी है।”

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