अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान, कुलभूषण जाधव मामले में चीन ने दिया ‘बड़ा झटका’

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पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव मामले में चीन ने भी पाकिस्तान को एक तरह से बड़ा झटका दिया है। कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) ने बुधवार को जो फैसला सुनाया है उसमें चीन की न्यायाधीश बहुमत के साथ हैं जिसे पाकिस्तान के लिए एक झटका माना जा रहा है।

PTI

आईसीजे में न्यायाधीश शुए हांकिन्स का मत 16 सदस्यीय पीठ में 15 न्यायाधीशों के मतों में शामिल है और उनके फैसले पर यहां अभी तत्काल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। लेकिन इसे चीन में भारत की राजनयिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है।

अदालत के अध्यक्ष जज अब्दुलकावी अहमद यूसुफ की अगुवाई वाली 16 सदस्यीय पीठ ने कुलभूषण सुधीर जाधव को दोषी ठहराये जाने और उन्हें सुनाई गयी सजा की ”प्रभावी समीक्षा करने और उस पर पुनर्विचार करने का आदेश दिया। जज के अलावा शुए (64) चीन के विदेश मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारी के तौर पर सेवांए दे चुकी हैं।

अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में भारत की बड़ी जीत

अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) ने बुधवार (17 जुलाई) को फैसला सुनाया कि पाकिस्तान को भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को सुनाई गई फांसी की सजा पर फिर से विचार करना चाहिए। इसे भारत के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है। भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49) को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में बंद कमरे में सुनवाई के बाद जासूसी और आतंकवाद के आरोपों पर फांसी की सजा सुनाई थी। इस पर भारत में काफी गुस्सा देखने को मिला था।

आज फैसले को पढ़ते हुए अदालत के अध्यक्ष जज अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने कुलभूषण सुधीर जाधव को दोषी ठहराये जाने और सजा पर फिर से विचार करने का आदेश दिया। आईसीजे के जज यूसुफ के नेतृत्व में 15 सदस्यीय पीठ ने भारत और पाकिस्तान की मौखिक दलीलों को सुनने के बाद 21 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। मामले की कार्यवाही पूरी होने में दो साल दो महीने का समय लगा। भारत ने जाधव तक बार-बार कंसुलर एक्सेस नहीं मिलने पर पाकिस्तान द्वारा वियना समझौते के प्रावधानों का जबरदस्त उल्लंघन करने के लिए आठ मई, 2017 को आईसीजे का रुख किया था।

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