लोकसभा ने गुरूवार (11 जुलाई) को साल 2019-20 के लिए रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा के लिए आधीरात तक बैठकर इतिहास रच दिया। पिछले 18 सालों में पहली बार ऐसा हुआ जब लोकसभा में देर रात तक चर्चा हुई। इस चर्चा के दौरान विपक्ष के संसद सदस्य भी मौजूद रहे।
(HT File Photo)लोकसभा ने गुरुवार को वर्ष 2019-20 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर देर रात तक बैठकर चर्चा पूरी की। निचले सदन में रात्रि 11 बजकर 58 मिनट तक चर्चा हुई और करीब 100 सदस्यों ने इसमें हिस्सा लिया तथा अपने अपने क्षेत्रों से जुड़े विषयों को उठाया।
मध्यरात्रि तक संसद में कामकाज चलने के बाद रेल राज्यमंत्री सुरेश चन्नबसप्पा अंगदी ने कहा कि ‘रेलवे एक परिवार की तरह है जो सभी को एक साथ लेकर चलता है और सभी को संतुष्ट करता है. सभी सदस्यों के अच्छे सुझाव मिलते हैं. पीएम मोदी के आने के बाद से रेलवे बदल गया है. वाजपेयी जी ने सड़कों के लिए बहुत कुछ किया, मोदी जी रेलवे के लिए कर रहे हैं.’
S Angadi, MoS Railways on Parliament functioning till midnight: Railways is like a family that takes everyone together & satisfies everyone, all members gave good suggestions. Railways has changed since PM Modi came, what Vajpayee ji did for roads, Modi ji is doing for railways. pic.twitter.com/9QkiHX1sqg
— ANI (@ANI) July 11, 2019
वहीं, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने देर रात तक सदन की कार्यवाही चलाने की पहल के लिए लोकसभा अध्यक्ष के प्रति आभार प्रकट किया। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि 21वीं सदी में पहली बार सदन की कार्यवाही आधीरात तक चली है। जोशी ने कहा ‘‘लोकसभा में इतिहास रचा है। मैं इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, रेल मंत्री पीयूष गोयल, रेल राज्य मंत्री सुरेश आंगड़ी, सदन के सभी सदस्यों, लोकसभा के कर्मचारियों और मीडिया का धन्यवाद करता हूं।’
उन्होंने कहा कि इससे पहले 1996 और वर्ष 2000 में लोकसभा की कार्यवाही रात 12 बजे या उसके बाद तक चली है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में ऐसा पहली बार हुआ है। उन्होंने कहा कि यह करीब 18 वर्षों में पहली बार ऐसी घटना है कि सदन ने देर रात तक इस तरह से बैठकर चर्चा की। (इनपुट- भाषा के साथ)