कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस- जद (एस) गठबंधन 16 विधायकों के इस्तीफे के बाद सरकार पर खतरे के बादल मंडराने के बावजूद मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी इस्तीफा देने को तैयार नहीं है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कुमारस्वामी ने उनके इस्तीफे की तमाम अटकलों को खारिज करते हुए पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं इस्तीफा क्यों दूं? मुझे इस्तीफा देने की क्या जरूरत है?’’

उन्होंने 2009-10 के उस वाकए की याद दिलाई, जब कुछ मंत्रियों सहित 18 विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तत्कालीन मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा का “विरोध” किया था, लेकिन उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया था। कांग्रेस के दो और विधायकों के बुधवार को इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री ने गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से भी बातचीत की। अभी तक 16 विधायक इस्तीफे सौंप चुके हैं।
अगर बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किए जाते हैं तो सत्तारूढ़ गठबंधन बहुमत गंवा सकता है। 224 सदस्यीय विधानसभा में अध्यक्ष को छोड़कर गठबंधन विधायकों की कुल संख्या 116 (कांग्रेस-78, जद(एस)-37 और बसपा-1) है।
#JustIn | As Supreme Court hears the petition of rebel Karnataka MLAs, Chief Minister HD Kumaraswamy, says, "Why should I resign"?#KarnatakaPoliticalCrisis pic.twitter.com/ZvrRmSBzx6
— NDTV (@ndtv) July 11, 2019
स्पीकर को आज ही फैसला लेने का निर्दश
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कनार्टक के कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन के 10 बागी विधायकों को शाम छह बजे विधानसभा अध्यक्ष से मिलने की अनुमति दे दी। साथ ही न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष को उनके इस्तीफे पर आज (गुरुवार-11 जुलाई) ही फैसला करने का निर्देश भी दिया। इन विधायकों ने कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष पर उनका इस्तीफा जानबूझकर स्वीकार नहीं करने का आरोप लगाया है।
प्रधान न्यायधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष को आज गुरुवार को ही विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय लेने का निर्देश भी दिया। पीठ में न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस भी शामिल थे। पीठ ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष द्वारा लिए गए निर्णय की जानकारी शुक्रवार को मामले की अगली सुनवाई के दौरान दी जाए।
इसके साथ ही बागी विधायकों को सुरक्षा मुहैया कराने का भी आदेश दिया गया है, जो कोर्ट के निर्देश पर आज शाम 6 बजे स्पीकर से मिलेंगे। शीर्ष अदालत कर्नाटक के डीजीपी को 10 असंतुष्ट विधायकों के मुंबई से यहां पहुंचने के बाद उन्हें बेंगलुरू एयरपोर्ट से विधानसभा तक सुरक्षा मुहैया करने का निर्देश भी दिया। मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
विधानसभा के आसपास धारा 144 लागू
कर्नाटक में सत्तारूढ़ जद(एस)-कांग्रेस की गठबंधन सरकार के कई विधायकों के इस्तीफा देने के बाद उत्पन्न संकट के मद्देनजर गुरुवार को होने वाली महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक से पहले पुलिस आयुक्त आलोक कुमार ने विधानसभा के आसपास धारा 144 लगाने का आदेश दिया है। धारा 144 लागू होने से विधानसभा के आसपास दो किलोमीटर तक के दायरे में पांच से अधिक लोग इकट्ठे नहीं हो सकते और ना ही किसी प्रकार का कोई प्रदर्शन यहां किया जा सकता है।
पुलिस आयुक्त ने खुफिया जनकारी के आधार पर बुधवार की रात यह आदेश जारी किया। यह धारा 144 का आदेश ऐसे समय में लागू किया गया है, जब मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी 16 विधायकों के कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद गुरुवार को कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक करने जा रहे हैं।
कांग्रेस के दो विधायकों आवास मंत्री एम टी बी नागराज और के. सुधाकर के बुधवार को इस्तीफा देने के बाद अब कुल 16 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार को अपना इस्तीफा सौंपा दिया है। हालांकि रमेश कुमार ने इस्तीफों को स्वीकार नहीं किया है और उनका कहना है कि वह पहले विधायकों से बात करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि 16 में से केवल पांच विधायकों के ही इस्तीफे उचित प्रारूप में है। राज्य में ऐसे समय पर राजनीतिक घटनाक्रम हो रहा है जब शुक्रवार से यहां विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी ने कुमारस्वामी की सरकार के पास बहुमत ना होने का दावा करते हुए उनके इस्तीफे की मांग भी की है। भगवा दल ने राज्यपाल से भी मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। (इनपुट- भाषा के साथ)