महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले राज ठाकरे ने सोनिया गांधी से की मुलाकात, चुनाव आयोग से की EVM की जगह मतपत्रों से मतदान की मांग

0

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने नई दिल्ली में सोमवार को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से मुलाकात की। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान राज ठाकरे ने सोनिया से ईवीएम के मुद्दे एवं महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की। इस बीच राज ठाकरे ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है।

सूत्रों के मुताबिक ठाकरे ने नई दिल्ली में 10 जनपथ स्थित सोनिया गांधी के आवास पर उनसे मुलाकात की। इस मुलाकत से अवगत एक सूत्र ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि ठाकरे ने मुख्य रूप से ईवीएम के मुद्दे पर संप्रग प्रमुख से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस मुलाकात के दौरान महाराष्ट्र की राजनीतिक परिस्थिति पर भी चर्चा हुई। राज्य में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं।

महाराष्ट्र चुनाव में मतपत्र का इस्तेमाल हो

सोनिया गांधी से मुलाकात से पहले राज ठाकरे ने सोमवार को निर्वाचन आयोग (ईसी) से कहा कि आने वाले राज्य चुनावों में मतदान के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय मतपत्र का इस्तेमाल किया जाए। मुंबई में पार्टी के एक सहयोगी ने कहा कि उन्होंने नई दिल्ली में मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा और आयोग के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात कर यह मांग की।

आईएएनएस के मुताबिक बैठक के बाद ठाकरे ने मीडिया से कहा, “चुनाव आयोग के अधिकारियों की प्रतिक्रियाएं देखकर मैं यह कह सकता हूं कि वह इस तरह के एक गंभीर मुद्दे पर उदासीन लगे। हालांकि, मुझे उनसे शून्य उम्मीदें हैं।” उन्होंने आरोप लगाया, “पिछले लोकसभा (2019) चुनावों में 370 निर्वाचन क्षेत्रों में वोट डाले गए और वोटों की गिनती के आंकड़ों में विसंगतियां पाई गई हैं, और गिने गए वोटों की संख्या डाले गए वोटों की तुलना में अधिक रही।”

मनसे प्रमुख ने तंज कसते हुए कहा, “हां, अगर मैच पहले से फिक्स है, तब तैयारियों की क्या जरूरत है।” ठाकरे ने बताया कि उन्होंने आयोग को एक मांगपत्र सौंपा है, जिसमें महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान फिर मतपत्र से कराने की बात कही गई है। उन्होंने इस बात पर भी निशाना साधा कि पिछले 20 सालों से ईवीएम पर सवाल उठाए जाते रहे हैं, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) खुद 2014 तक ईवीएम के खिलाफ थी, उनके नेता इस मामले में अदालत तक गए थे।

ठाकरे ने कहा, “अचानक ऐसा क्या हो गया कि उन्होंने इस बारे में बात तक करनी बंद कर दी है।” इस सवाल पर कि यदि मतपत्र से चुनाव कराए जाते हैं तो परिणाम आने में देरी होगी, इस बात का बचाव करते हुए ठाकरे ने कहा कि भारत में चुनाव दो-तीन महीनों तक चलते हैं, यदि परिणामों की घोषणा में कुछ दिनों की देरी हो भी जाती है, तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं।

उन्होंने कहा कि 2018 में ही उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को देश में ईवीएम के विरोध में एकजुट होने के लिए कहा था और अपील की थी कि हमें मतपत्र को फिर से प्रयोग में लाना चाहिए। ठाकरे ने कहा कि उस समय किसी ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन शायद अब वे इस मुद्दे पर विचार करें। (इनपुट- आईएएनएस/पीटीआई के साथ)

 

 

Previous articleRaj Thackeray meets Sonia Gandhi ahead of Maharashtra assembly polls, demands EC to junk EVMs
Next articleVIDEO: राजीव प्रताप रूडी और हेमा मालिनी ने अपनी ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, लोकसभा में विपक्ष की भूमिका में दिखे दोनों BJP सांसद