विश्व कप टीम से बाहर किए गए अंबती रायडू ने इंटरनेशनल क्रिकेट से लिया सन्यास

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मौजूदा विश्व कप के लिए अनदेखी किए जाने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज अंबाती रायुडू ने बुधवार (3 जुलाई) को बिना कारण बताये क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने इसका खुलासा किया।

अंबती रायडू

आंध्रप्रदेश के इस 33 साल के खिलाड़ी को ब्रिटेन में चल रहे विश्व कप के लिये अधिकारिक स्टैंडबाई सूची में रखा गया था लेकिन आलराउंडर विजय शंकर के चोटिल होने के बाद उसकी अनदेखी की गयी। टीम प्रबंधन के जोर देने के बाद सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल को भारतीय टीम में शामिल कर लिया गया और पता चला है कि रायुडू इन घटनाओं से काफी निराश हो गये। इस खिलाड़ी ने अभी अधिकारिक घोषणा नहीं की है लेकिन बीसीसीआई अधिकारी ने पीटीआई से कहा कि उसने इस फैसले से बीसीसीआई को अवगत करा दिया है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें सुबह उसका ईमेल मिला। उसने कारण नहीं बताया है कि उसने संन्यास लेने का फैसला क्यों किया। इस ईमेल में उसने उन कप्तानों का शुक्रिया अदा किया जिनकी कप्तानी में वह खेला था और उसने बीसीसीआई का भी शुक्रिया अदा किया। ’’

रायुडू ने भारत के लिये 55 वनडे खेलते हुए 47.05 के औसत से 1694 रन बनाये हैं। यह खिलाड़ी कभी टेस्ट टीम में जगह नहीं बना सका और विश्व कप से पहले वह चर्चा में बना हुआ था। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कुछ महीने पहले चौथे नंबर के लिये रायुडू के नाम को तरजीह दी थी लेकिन टूर्नामेंट के लिये चुनी गयी अंतिम टीम में रायुडू की अनदेखी की गयी और शंकर को चुना गया।

मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने इस फैसले को सही करार दिया था। इसके बाद रायुडू ने इस बयान का मजाक उड़ाते हुए सोशल मीडिया पर ट्वीट किया, ‘‘विश्व कप देखने के लिये त्रिआयामी (थ्री डी) चश्मे का आर्डर किया है।’’ इसके बाद उन्हें स्टैंडबाई सूची में शामिल किया गया, लेकिन उन्हें बुलाया नहीं गया।

घरेलू सर्किट में साथी क्रिकेटरों के साथ कई बार और यहां तक मैच अधिकारियों के साथ झड़प के कारण रायुडू की छवि तुनकमिजाज खिलाड़ी की बन गयी। उसने सीमित ओवर के प्रारूप पर ध्यान लगाने के लिये पिछले साल प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।

वह 2007 में प्रतिबंधित इंडियन क्रिकेट लीग में खेला था जो राष्ट्रीय टीम में उसके चयन में बाधा बनी थी। बाद में वह उन 79 खिलाड़ियों में शामिल रहे जिन्हें बीसीसीआई ने 2009 में बागी लीग में खेलने के लिये माफी दी थी। उसने 2013 में जिम्बाब्वे के खिलाफ राष्ट्रीय वनडे टीम में जगह बनायी।

आईपीएल शुरू होने के बाद रायुडू को मुंबई इंडियंस ने चुन लिया जिसके बाद वह चेन्नई सुपरकिंग्स के साथ रहे। पिछले साल रायुडू सुर्खियों में आये जब उन पर सैयद मुश्ताक अली ट्राफी के दौरान मैदानी अंपायर के साथ बहस के कारण दो मैच का प्रतिबंध लगा। (इंपुट: भाषा के साथ)

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