सत्रहवीं लोकसभा का प्रथम सत्र सोमवार को उत्साह के माहौल के बीच शुरू हुआ तथा सत्ता पक्ष के सदस्यों ने बीच बीच में ‘भारत माता की जय’ और ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए। पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्रियों तथा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित 21 राज्यों के 200 से अधिक नवनिर्वाचित सदस्यों ने निचले सदन की सदस्यता की शपथ ली।

इस बीच अपने बयानों के कारण प्राय: विवादों में रहने वाली भोपाल से भाजपा की नवनिर्वाचित सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सोमवार को जब लोकसभा की सदस्यता की शपथ ले रही थीं तो वहां भी विवादों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। मालेगांव बम विस्फोट मामले में लंबे समय तक कानूनी प्रक्रिया का सामना कर चुकीं इस मामले में अभियुक्त प्रज्ञा सिंह जब शपथ लेने पहुंचीं तो उन्होंने अपने नाम के पीछे स्वामी पूर्ण चेतनानंद अवधेशानंद गिरी जोड़कर शपथ लेना शुरू किया। इस पर विपक्ष के सांसदों ने नियम-कायदों का हवाला देते हुए आपत्ति जताई।
विपक्षी सदस्यों की तीखी आपत्ति के बाद कार्यवाहक अध्यक्ष वीरेन्द्र कुमार ने आश्वासन दिया कि साध्वी प्रज्ञा का जो नाम निर्वाचन प्रमाणपत्र में लिखा होगा वही सदन के रिकार्ड में दर्ज किया जाएगा। दरअसल, रिपोर्ट के मुताबिक प्रज्ञा ने चुनाव में उम्मीदवारी के वक्त अपने हलफनामे में अपने पिता का नाम सीपी सिंह दर्ज कराया है, लेकिन उन्होंने शपथ लेते समय पिता के नाम की जगह अवधेशानंद गिरी के नाम का जिक्र किया जो उनके आध्यात्मिक गुरु हैं।
दरअसल, 17वीं लोकसभा के प्रथम सत्र के पहले दिन नवनिर्वाचित सदस्यों को सदन की सदस्यता की शपथ राज्यवार दिलवाई गई। इस दौरान जब मध्य प्रदेश के सदस्यों का नंबर आया तो भोपाल से निर्वाचित होकर आई साध्वी प्रज्ञा का नाम पुकारा गया। साध्वी प्रज्ञा ने संस्कृत में शपथ ली और उन्होंने अपना नाम साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ‘पूर्णचेतनानन्द अवधेशानंद गिरि’ बोला। उन्होंने अपनी शपथ पूरी करने के बाद ‘भारत माता की जय’ भी बोला।
इस दौरान उनके इस नाम को लेकर कांग्रेस समेत विपक्ष के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई। पीठासीन अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ने प्रज्ञा ठाकुर से संविधान या ईश्वर के नाम पर शपथ लेने को कहा। जिस पर प्रज्ञा ने कहा कि वह ईश्वर के नाम पर ही शपथ ले रही हैं और अपना वही नाम ले रही हैं जो उन्होंने फॉर्म में भरा है।
इस बीच कुछ देर तक लोकसभा के अधिकारी और कर्मचारी रिकॉर्ड में साध्वी प्रज्ञा का रिकॉर्ड में उल्लेखित नाम खोजते रहे। इसके बाद जब अध्यक्ष के हस्तक्षेप से हंगामा थमा तो ठाकुर ने शपथ-पत्र का नाम के बाद का हिस्सा ही पढ़ा। इस पर भी कांग्रेस के सदस्यों ने देर तक आपत्ति जताई। हालांकि, कार्यवाहक अध्यक्ष कुमार ने आश्वासन दिया कि साध्वी प्रज्ञा का जो नाम निर्वाचन प्रमाणपत्र में लिखा होगा, वही सदन के रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा।
#WATCH: An uproar started in the Lok Sabha today when BJP's winning candidate from Bhopal, Pragya Singh Thakur took oath as MP under the name 'Sadhvi Pragya Singh Thakur Poorn Chetnand Avdheshanand Giri', suffixing her name with her spiritual guru. She took her oath in 3 attempts pic.twitter.com/VuTvZ4BgIT
— ANI (@ANI) June 17, 2019