लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में आत्ममंथन का दौर जारी है। एक ओर जहां राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को राजी नहीं हो रहे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस ने अपने सभी प्रवक्ताओं को एक महीने तक किसी भी टीवी डिबेट्स में शामिल न होने का सख्त निर्देश दिया है। कांग्रेस ने पार्टी ने एक महीने के लिए अपने प्रवक्तों को टीवी डिबेट में नहीं भेजने का फैसला किया है।

कांग्रेस ने टीवी चैनलों और उनके संपादकों से अपील की है कि वह अपने शो पर कोई भी पार्टी प्रतिनिधि को शामिल न करें। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता और मीडिया इंचार्ज रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी। सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘कांग्रेस ने एक महीने तक टीवी पर होने वाली डिबेट में प्रवक्ताओं को नहीं भेजने का फैसला किया गया है। सभी मीडिया चैनलों/एडिटरों से अनुरोध है कि वे अपने शो में कांग्रेस के प्रतिनिधियों को ना रखें।’
.@INCIndia has decided to not send spokespersons on television debates for a month.
All media channels/editors are requested to not place Congress representatives on their shows.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 30, 2019
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने यह फैसला इसलिए लिया है, क्योंकि टीवी डिबेट में कुछ मीडिया संस्थान मोदी सरकार का पक्ष ही लेते हैं, ऐसे में सिर्फ डिबेट में जाना और वहां गलत साबित किया जाना किसी फायदे की बात नहीं। इसके साथ ही कांग्रेस का आरोप है कि चैनलों पर डिबेट में किसान, रोजगार, गरीब, नोटबंदी, जीएसीट और मोदी के वायदों पर बहस हो नहीं रही, ऐसे में मोदी महिमामंडन और हिंदू-मुस्लिम के मुद्दे पर बहस करके हारे हुए खिलाड़ी बनने से क्या फायदा।
इसके अलावा माना जा रहा है कि कांग्रेस को लगता है कि अभी हाल ही में चुनाव हुए हैं और देश का मूड मोदी के साथ है, लिहाजा अभी से सरकार का विरोध करना ठीक नहीं होगा। इसका जनता में अच्छा संदेश नहीं जाएगा, इससे अच्छा है कि अपने प्रवक्ताओं को टीवी चैनलों पर भेजने से ही रोक दिया जाए। गौरतलब है कि 25 मई को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी, हालांकि सीडब्ल्यूसी ने उनकी पेशकश को खारिज किया और उन्हें संगठन में सभी स्तर पर आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया।
राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को राजी नहीं हो रहे हैं। हालांकि कांग्रेस की दिल्ली एवं राजस्थान इकाइयों ने उनसे आग्रह किया कि वह इस्तीफा देने का अपना फैसला बदलें और पार्टी का नेतृत्व जारी रखें। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शीला दीक्षित और पार्टी के कई नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने उनसे अपने फैसला बदलकर पार्टी का नेतृत्व जारी रखने का बुधवार को आग्रह किया है। डीपीसीसी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गांधी के आवास पर प्रदर्शन किया और राहुल गांधी के पक्ष में नारेबाजी भी की।