गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडाणी समूह ने कथित तौर पर न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ और इसके संपादकों के खिलाफ अपनी कंपनियों के विरुद्ध आलेख के लिए अहमदाबाद की एक अदालत में दायर मानहानि के सभी मामले वापस लेने को तैयार है।

समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, उच्च पदस्थ सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अडाणी पॉवर महाराष्ट्र लिमिटेड ने वेब पोर्टल के खिलाफ दो मुकदमे किए थे, जबकि समूह की कंपनी अडाणी पेट्रोनेट पोर्ट दाहेज लिमिटेड ने पोर्टल के खिलाफ मानहानि का एक मामला दायर किया था। पोर्टल के अलावा, इसके संस्थापक-संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और एम.के. वेणु, और सिद्धार्थ भाटिया, मोनाबिना गुप्ता, पामेला फिलिपोस और नूर मोहम्मद के विरुद्ध भी मामला दायर किया गया था।
इस कदम की पुष्टि करते हुए वरदराजन ने आईएएनएस से कहा, “हम समझते हैं कि अडाणी समूह ने अपने समूह के कई उद्यमों को लेकर गत दो वर्षो से ‘द वायर’ के विभिन्न आलेखों के खिलाफ सभी मानहानि मामले, आपराधिक और सिविल मामलों को वापस लेने के लिए कदम बढ़ाया है। जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो हम एक बयान जारी करेंगे।”
यह खबर सामने आने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने निष्कर्ष निकालना शुरु कर दिया कि इस ख़बर से पता चल रहा है कि इस साल के लोकसभा चुनावों में भाजपा की हार का संकेत है। एक यूजर ने लिखा, “मतगणना से पहले ही बदल गए अडानी, अंबानी और CBI के तेवर, माजरा क्या है?” एक अन्य यूजर ने लिखा, “क्या चल रहा है किस चीज का संकेत है ये घटनाएं अंबानी का कांग्रेस से defamation case वापस लेना और अब the wire से अडानी का। क्या देश में परिवर्तित होने वाला है।”
एक अन्य यूजर ने लिखा, “कल अम्बानी ने राहुल गाँधी के खिलाफ किये गए केश वापस लिए थे आज अडानी ने अहमदाबाद में The Wire के एडिटर्स और स्टाफ के खिलाफ किये गए वापस लिए हैं। नेता जी और उनके परिवार को सीबीआई द्वारा क्लीन चिट के बारे मे पहले से ही मालूम ही है। “ये डर होना चाहिए, ये तेरा डर मुझे अच्छा लगा”।” एक अन्य यूजर ने लिखा, “कुछ तो गड़बड़ है ?” बता दें कि इसी तरह तमाम यूजर्स इस पर तरह- तरह की प्रतिक्रिया दे रहें है।
बता दें कि, इससे पहले उद्योगपति अनिल अंबानी ने राफेल सौदे पर एक लेख को लेकर कांग्रेस नेताओं और नेशनल हेराल्ड अखबार के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे को वापस लेने का फैसला किया था। अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह ने मंगलवार को एक अदालत में विवादास्पद राफेल लड़ाकू विमान सौदा मामले में एक आलेख और बयानों पर कांग्रेस नेताओं और नेशनल हेराल्ड अखबार के विरुद्ध दायर 5,000 करोड़ रुपए के सिविल मानहानि मुकदमे को वापस लेने के निर्णय की घोषणा की थी।