गोडसे को देशभक्त बताने पर भड़के कैलाश सत्यार्थी, बोले- “छोटे से फायदे का मोह छोड़ प्रज्ञा ठाकुर को पार्टी से निकालकर ‘राजधर्म’ निभाए BJP”

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मालेगांव बम धमाकों की आरोपी और भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाले बयान पर अभी भी विवाद जारी है। इस बीच नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने प्रज्ञा ठाकुर के महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि गोडसे ने तो सिर्फ बापू के शरीर की हत्या की थी, लेकिन प्रज्ञा ठाकुर जैसे लोगों ने उनकी आत्मा के साथ ही ‘भारत की आत्मा’ की भी हत्या कर दी है।

प्रज्ञा के बयान पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सत्यार्थी ने शनिवार को ट्वीट किया, “गोडसे ने गांधी के शरीर की हत्या की थी, परंतु प्रज्ञा जैसे लोग उनकी आत्मा की हत्या के साथ, अहिंसा, शांति, सहिष्णुता और भारत की आत्मा की हत्या कर रहे हैं। गांधी हर सत्ता और राजनीति से ऊपर हैं। भाजपा नेतृत्व छोटे से फायदे का मोह छोड़ कर उन्हें तत्काल पार्टी से निकाल कर राजधर्म निभाए।”

बता दें कि मालेगांव बम धमाके में जेल की सजा काट चुकी साध्वी प्रज्ञा भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार हैं। हाल ही में उन्होंने गोडसे को देशभक्त कहा था जिसको लेकर पूरे देश में जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई और बाद में उन्हें अपने बयान पर खेद व्यक्त करते हुए इसे वापस लेना पड़ा।

प्रज्ञा के इस विवादित बयान को लेकर पीएम मोदी ने एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में अपनी नाराजगी जताई है। हाली ही में उन्होने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर या जो भी इस तरह का बयान देगा उसे माफ नहीं करेंगे। पीएम मोदी ने कहा, ”गांधी जी या गोडसे के बारे में जो भी बात की गई है या जो भी बयान दिए गए हैं, ये भयंकर खराब हैं।”

अपने इंटरव्यू में पीएम ने कहा, ”हर प्रकार से घृणा के लायक हैं। आलोचना के लायक हैं, सभ्य समाज के अंदर इस तरह की भाषा नहीं चलती है। इस प्रकार की सोच नहीं चल सकती। इसलिए ऐसा करने वालों को सौ बार आगे सोचना पड़ेगा। दूसरा, उन्होंने माफी मांग ली ये अलग बात है, लेकिन मैं अपने मन से माफ नहीं कर पाऊंगा।”

गौरतलब है कि भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ने कुछ दिन पहले एक सवाल के जवाब में कहा था कि महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे सबसे बड़े देशभक्त थे और जो लोग उन्हें आतंकवादी कहते हैं, वे अपने गिरेबां में झांककर देखें। हालांकि उनके बयान से भाजपा ने पल्ला झाड़ लिया था और विवाद बढ़ता देख प्रज्ञा ठाकुर ने अपने बयान पर माफी मांग ली थी।

इससे पहले प्रज्ञा ने मुंबई हमलों के दौरान शहीद हुए पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे के खिलाफ भी विवादित बयान देते हुए कहा था कि मालेगांव बम धमाके के मामले में गिरफ्तारी के बाद करकरे ने उन्हें यातनाएं दी थीं और उनके शाप की ही वजह से आतंकवादियों ने उन्हें मार डाला। इस बयान का कड़ा विरोध होने के बाद प्रज्ञा ने माफी मांग ली थी।

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