महीनों की खामोशी के बाद कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर मंगलवार (14 मई) को उस वक्त फिर सुर्खियों में आ गए जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपनी ‘नीच’ वाली पुरानी टिप्पणी को सही ठहराया और दावा किया कि मोदी अब तक के सबसे ज्यादा ‘ऊटपटांग’ बयान देने वाले प्रधानमंत्री हैं। इस संबंध में ‘‘राइजिंग कश्मीर’’ और ‘‘द प्रिंट’’ में प्रकाशित अय्यर के लेख पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए उन्हें ‘एब्यूजर-इन-चीफ’ करार दिया है। कांग्रेस ने हालांकि कहा है कि लेख में अय्यर ने जो कहा है कि वह उनकी निजी राय है।
अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया रैलियों के बयानों का हवाला देते हुए लेख में कहा है, ‘‘देश की जनता की किसी भी सूरत में 23 मई को मोदी को सत्ता से हटा देगी। अब तक के सबसे ज्यादा ऊटपटांग बयान देने वाले प्रधानमंत्री की यह माकूल विदाई होगी। याद है 2017 में मैंने मोदी को क्या कहा था? क्या मैंने सही भविष्यवाणी नहीं की थी?’’’
दरअसल, अय्यर ने 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री मोदी को ‘नीच किस्म का आदमी’ कहा था। इस बयान पर खासा बवाल मचा था और बाद में कांग्रेस नेता को माफी मांगनी पड़ी थी। कांग्रेस ने उन्हें निलंबित कर दिया था, हालांकि कुछ महीनों के बाद निलंबन निरस्त हो गया था।
लेख पर सफाई देने से किया इनकार
वहीं, पीएम मोदी पर लिखे गए अपने लेख पर कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने सफाई देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने लेख पर बार बार पूछ जा रहे मीडिया के सवालों पर भड़कते हुए समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “बयान तो आ चुका है मेरी तरफ से। एक पूरा आर्टिकल मैंने लिखा है। आप एक पंक्ति चुनकर कहें कि इस पर बताइए तो मैं तुम्हारे खेल में पड़ने को तैयार नहीं हूं। मैं उल्लू हूं, लेकिन इतना बड़ा उल्लू नहीं हूं।”
#WATCH Mani Shankar Aiyar, Congress: Statement has come from my side, there is a whole article, picking out one line from it and saying "now talk on this". I'm not ready to be involved in your games, 'main ullu hoon, lekin itna bada ullu nahi hoon'. pic.twitter.com/xsqhdycxXA
— ANI (@ANI) May 14, 2019
बीजेपी भड़की
अय्यर के नीच बयान को सही ठहराने पर बीजेपी हमलावर हो गई है। प्रधानमंत्री पर मणिशंकर अय्यर की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करते हुए भाजपा ने मंगलवार को कांग्रेस का दोहरा चरित्र और अहंकार फिर सामने आया है और उसे इस बारे में जवाब देना चाहिए। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से कहा कि मणिशंकर अय्यर ने जो कहा है वह एक वेबसाइट पर लेख में कहा है, उस पर कांग्रेस का क्या कहना है? उन्होंने पूछा कि अय्यर के बयान पर कांग्रेस को क्या कहना है?
वहीं, भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने ट्वीट कर कहा, ‘‘एब्यूजर-इन-चीफ़ अय्यर एक बार फिर आ गए हैं और 2017 की अपनी ‘नीच’ वाली टिप्पणी को सही ठहराया है।’’ उन्होंने कहा ‘‘अय्यर ने माफी मांगी और कमजोर हिंदी का बहाना बना दिया। अब वह कहते हैं कि उन्होंने भविष्यवाणी की थी। कांग्रेस ने पिछले साल उनका निलंबन निरस्त किया था। इससे कांग्रेस की दोहरी जुबान और अहंकार का पता चलता है।’’
कांग्रेस ने की अय्यर के बयान की निंदा
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ‘नीच’ वाली टिप्पणी को मणिशंकर अय्यर द्वारा सही ठहराने की निंदा की और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने खुद राजनीतिक संवाद का स्तर गिराने का काम किया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पत्रकारों से कहा, ‘घृणा, हिंसा और गाली-गलौज भाजपा के हथियार हैं। प्रधानमंत्री मोदी व्यक्तिगत विरोध की आग में इतने अंधे हो गए हैं कि वह पद की गरिमा भूल गए। उन्होंने पद की गरिमा को धूमिल किया है।’
कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा, ‘हम मणिशंकर अय्यर सहित उन सभी की निंदा करते हैं जो अपने शब्दों की मर्यादा भूल गए। ऐसा लगता है कि कुछ लोग सुर्खियों में रहने के लिए ऐसा करते हैं। अगर कोई ऐसा करता है तो उसे हम दण्डित करते हैं। ऐसी भाषा कांगेस की परंपरा नहीं है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी अय्यर पर कोई कार्रवाई करेगी तो सुरजेवाला ने कहा कि उचित मंच पर इस विषय को रखा जाएगा और उचित कदम उठाया जाएगा।
पीएम मोदी पर संवाद का स्तर गिराने का लगाया आरोप
सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘क्या प्रधानमंत्री जी आप बताएंगे कि नेहरू और राजीव गांधी जी के बारे में आपने जिस अनर्गल भाषा का इस्तेमाल किया तो क्या माफी मांगी? क्या 50 करोड़ की गलफ्रेंड वाला बयान दिया, तो उसके लिए माफी मांगी? सोनिया जी को कांग्रेस की विधवा कहा, क्या अपने कभी माफी मांगी?’ उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री जी ने शब्दों की मर्यादा गिराने की परंपरा शुरू की है। मुझे लगता है कि मोदी जी या उनके साथी गाली देते हैं तो उसे मीडिया नहीं उठाता। सुरजेवाला ने कहा कि शब्दों की मर्यादा और गरिमा की ‘हत्या’ करने के लिए प्रधानमंत्री को आत्मचिंतन करना चाहिए। (इनपुट- पीटीआई/भाषा के साथ)