‘बुर्का’ से पहले राजस्थान में ‘घूंघट’ पर भी प्रतिबंध लगाने के बयान पर जावेद अख्तर ने दी सफाई

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बुर्का और घूंघट को एक बताते हुए दोनों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बयान पर विवाद होने के बाद प्रसिद्ध गीतकार जावेद अख्तर ने एक ट्वीट कर सफाई देते हुए कहा है कि उनके बयान को तोड़ने मरोड़ने की कोशिश की गई है। बता दें कि अनेक पुरस्कारों से नवाजे जा चुके अख्तर ने कहा था कि देश में यदि बुर्के पर प्रतिबंध लगने की बात हो रही है, तो पहले घूंघट पर प्रतिबंध लगना चाहिए। गौरतलब है कि शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में श्रीलंका का हवाला देते हुए भारत में सार्वजनिक जगहों पर बुर्के पर बैन लगाने की मांग की गई थी।

जावेद अख्तर ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, “कुछ लोग मेरे बयान को तोड़ने-मरोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने कहा है कि श्रीलंका में यह सुरक्षा कारणों से किया गया है, लेकिन वास्तव में यह महिला सशक्तिकरण के लिए आवश्यक है। चेहरे को ढंकना बंद कर देना चाहिए चाहे नकाब हो या घूंघट।”

समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, भारत में बुर्के पर बैन की हो रही मांग को लेकर किए सवाल के जवाब में अख्तर ने कहा था कि श्रीलंका में बुर्के पर प्रतिबंध नहीं लगा, बल्कि चेहरा ढंकने पर प्रतिबंध लगा है। भोपाल में पत्रकारों ने उनसे शिवसेना के मुखपत्र सामना में बुर्के पर प्रतिबंध लगाए जाने का जिक्र किए जाने से संबधित सवाल पूछा, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “मेरे घर में सभी महिलाएं कामकाजी रही हैं, मां भोपाल के हमीदिया कॉलेज में पढ़ाती थीं, घर में कभी बुर्का देखा नहीं, इसलिए बुर्के के मामले में मेरी जानकारी कम है।”

अख्तर ने आगे कहा था, “बुर्के को लेकर भी बहस है, ईरान कट्टर मुस्लिम देश है, लेकिन वहां महिलाएं चेहरा नहीं ढकती। श्रीलंका में जो कानून आया, उसमें भी है कि औरतें चेहरा नहीं ढक सकती। आप चाहे जो पहनें मगर चेहरा कवर नहीं होना चाहिए, आपका चेहरा खुला होना चाहिए। यहां भी अगर ऐसा कानून लाना चाहते हैं और यह किसी की राय है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इससे पहले कि राजस्थान में चुनाव का आखिरी चरण हो जाए उससे पहले इस केंद्र सरकार को ऐलान करना होगा कि राजस्थान में भी कोई महिला घूंघट नहीं लगा सकती।” जावेद अख्तर ने कहा, “चेहरे बुर्के से कवर होंगे या घूंघट से, यह एक बात है। अगर बुर्के और घूंघट हट जाएं तो मुझे खुशी होगी।”

भोपाल में हार मान चुकी है बीजेपी

इस दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की तरफ से भोपाल से मालेगांव बम धमाकों की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को चुनाव लड़ाए जाने पर चर्चा करते हुए जावेद अख्तर ने कहा था, “मुझे लगता है कि बीजेपी ने प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल से उम्मीदवार बनाकर अपनी हार मान ली है। बीजेपी ने यह मान लिया है कि अब अपने को अच्छा दिखाने का ड्रामा नहीं करना चाहिए और असल मुद्दे पर आ जाना चाहिए, वही चुनाव में काम आएगा। अभी तक जो पर्दा ओढ़ा गया था, उसे हटा दिया गया है।”

उन्होंने आगे कहा, “बीजेपी को अगर जरा सा भी जीतने का विश्वास होता तो वह प्रज्ञा ठाकुर को टिकट नहीं देते। उन्हें भी प्रज्ञा को उम्मीदवार बनाने में तकलीफ हुई होगी, मगर मजबूरीवश उन्हें ऐसा करना पड़ा होगा। उन्होंने कहा, “आजादी के बाद यह चुनाव सबसे महत्वपूर्ण चुनाव है और मेरा भोपाल से रिश्ता है, इसलिए मेरा यह कर्तव्य बनता था कि भोपाल के लोगों से बात करने यहां आऊं।” जावेद अख्तर ने इसके साथ ही राजनेताओं के भाषा के गिरते स्तर पर चिंता जताई।

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