चुनाव आयोग ने सोमवार (15 अप्रैल) को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर क्रमश: 48 और 72 घंटों तक लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का प्रचार करने पर रोक लगा दी है।दोनों पर कार्रवाई आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन करने पर की गई है। चुनाव आयोग ने अलग-अलग आदेश जारी कर कहा कि दोनों को चुनाव प्रचार करने से रोका गया है।
(Photo by Ajay Aggarwal/ Hindustan Times via Getty Images)इस बीच मायावती ने चुनाव आयोग द्वारा प्रचार पर लगाई गई रोक को लेकर आयोग पर जातिवादी मानसिकता से ग्रस्त होने का आरोप लगाया है। आयोग की इस कार्रवाई के बाद मायावती ने सोमवार रात लखनऊ में प्रेसवार्ता कर आयोग की कार्रवाई पर प्रश्नचिन्ह लगाया। मायावती ने कहा कि उन्होंने कोई भी धार्मिक माहौल खराब नहीं किया था और आयोग ने कार्रवाई से पहले जो नोटिस उन्हें भेजा था, उसमें भड़काऊ भाषण के मुद्दे का कोई जिक्र नहीं था।
उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग ने बिना मेरा पक्ष सुने ही मुझ पर प्रतिबंध लगा दिया। अब अगले दो दिन होने वाली रैलियों में मैं तो नहीं जा पाऊंगी, लेकिन मेरे कार्यकर्ता मेरा संदेश लोगों तक जरूर पहुंचाएंगे।” मायावती ने आरोप लगाया, “चुनाव आयोग ने एकतरफा फैसला दिया है। मुझे बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार से वंचित कर दिया गया है। इस दिन को चुनाव आयोग के इतिहास में एक काले दिन के रूप में जाना जाएगा। उन्होंने आयोग पर प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को खुली छूट देने का आरोप भी लगाया।”
मायावती ने कहा कि आयोग ने अपने आदेश में कहा है, “मुझे ऐसा कोई भाषण जिसमें जाति या धर्म के नाम पर वोट मांगा गया हो। माया ने कहा कि मैं मीडिया को यह बताना चाहूंगी की आयोग ने 11 अप्रैल को जो नोटिस भेजा था उसमें यह जिक्र नहीं था कि हमने कोई भड़काऊ भाषण दिया है।” मायावती ने कहा कि आयोग ने जो नोटिस भेजा था और जो जवाब उन्होंने भेजा था उसकी कॉपी भी मीडिया में जारी की जाएगी।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के बीच नेताओं के विवादित बयानों पर सुप्रीम कोर्ट के फटकार के बाद अब चुनाव आयोग ने सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुनाव प्रचार पर 72 घंटे की रोक लगा दी है। वहीं, बीएसपी मुखिया मायावती 48 घंटे प्रचार नहीं कर पाएंगी।
इसके अलाव चुनाव आयोग ने केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को विवादित बयान देने के मामले में मंगलवार से अलग अलग अवधि के लिये चुनाव प्रचार करने से रोक दिया है। यह पहला मौका है जब किसी केंद्रीय मंत्री को प्रचार अभियान में हिस्सा लेने पर देशव्यापी रोक लगाई गई है।