कथित गोरक्षकों के भेष में हिंदुत्व आतंकियों का उत्पात और भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार डालने की घटनाएं रुकने का नाम ही नहीं ले रहीं है, जिसका ताजा मामला एक बार फिर से देखने को मिला है। बीजेपी शासित राज्य असम में हिंदुत्व के आतंकवादियों ने कथित रूप से बीफ बेचने के लिए एक मुस्लिम व्यक्ति पर हमला किया और उसे सुअर का मांस खाने के लिए मजबूर किया। इतना ही नहीं इस दौरान लोगों की भीड़ ने मुस्लिम शख्स से कड़ी पूछताछ भी की।
राज्य की बीजेपी सरकार को रिपोर्ट करने वाली पुलिस ने पीड़ित की शिकायत के बाद मामला दर्ज किया है। पीड़ित व्यक्ति की पहचान शौकत अली के रूप में हुई है। घटना से जुड़े दो वीडियो भी सामने आए है जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे है, जिसमें वह घुटनों पर बल बैठकर भीड़ से छोड़ने की भीख मांगता दिख रहा है।
वीडियो में पीड़ित शख्स कीचड़ में बैठा दिखाई दे रहा है और लोगों की गुस्साई भीड़ ने उसे चारों तरफ से घेरा हुआ है। इस दौरान लोगों की भीड़ पीड़ित शख्स से उसकी राष्ट्रीयता को लेकर सवाल पूछ रहे हैं कि क्या वह बांग्लादेशी है? क्या तुम्हारा नाम एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स) में है?
कथित तौर पर यह घटना 7 अप्रैल को असम के एक साप्ताहिक ग्रामीण बाजार में हुई। जहां अली एक भोजनालय की दुकान चलाता है और वह मांस भी बेचता है। घटना का वीडियो सामने आने के बाद देशभर के राजनेताओं और नागरिक समाज के सदस्यों ने अपनी नराजगी जताते हुए गुस्सें में अपनी प्रतिक्रिया दे रहें है।
CPI-M के सांसद मोहम्मद सलीम और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमिन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असादुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर इस घटना की निंदा की है।
CPI-M के सांसद मोहम्मद सलीम ने ट्विटर पर लिखा, CPI-M के सांसद मोहम्मद सलीम ने ट्विटर पर लिखा कि असम में गोमांस का सेवन अवैध नहीं है। कोकराझार जैसी जगहों पर गैर-मुस्लिम समुदाय बीफ खाते हैं। इन गुंडों को गायों की परवाह नहीं है, उन्हें केवल मुसलमानों के खिलाफ अपनी घृणा फैलाने के लिए एक बहाना चाहिए।
A 68 yr old man was beaten by goons who forced him to eat Pork in public while abusing his religious faith just because they “suspected” him of selling "beef". We should hang our heads in shame. (2/2) pic.twitter.com/NjWhzgPXwP
— Md Salim (@salimdotcomrade) April 8, 2019
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमिन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असादुद्दीन ओवैसी ने लिखा, मैं ऐसे कई लोगों को जानता हूं जो महसूस करते हैं कि पिछले 5 वर्षों में लिंचिंग की संख्या के कारण वे निराश हैं। मैं नहीं हूं, प्रत्येक वीडियो मुझे प्रभावित करता है और मुझे दुखी करता है। यह असंगत है कि असम में गोमांस वैध है, भारत के हर हिस्से में एक निर्दोष बूढ़े व्यक्ति को पीटना अवैध है।
I know many people who feel they’re desensitized because of the number of lynchings in the last 5 years.
I am not, each video infuriates me & saddens me
It’s irrelevant that beef is legal in Assam, lynching an innocent old man is illegal in every part of India https://t.co/aqx8LqQjki
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 8, 2019
Attention @narendramodi @abhisar_sharma @bainjal @ravishndtv And where in earth is a person selling beef even without a license forced to eat pork!! What has my state come to, Ashamed, appalled and disgusted. pic.twitter.com/QWpe5R9Upo
— Berojgar BeingMuzakki (@Muzakki82091009) April 8, 2019
बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में देश के अलग-अलग हिस्सों में बीफ के चलते मॉब लिंचिंग में कई लोगों की जानें जा चुकी हैं। मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर सरकार कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों के निशाने पर है।