फिल्मकारों के बाद अब अरुंधति राय और अमिताभ घोष सहित 200 लेखको ने की नफरत की राजनीति के खिलाफ वोट करने की अपील, कहा- “हम नहीं चाहते कि लेखकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की हत्या हो”

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लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार के खिलाफ लोगों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। सैकड़ों फिल्मकारों के बाद अब 200 से ज्यादा जाने माने लेखकों ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लेखकों ने देश के मतदाताओं से अपील की है कि वे लोकसभा चुनाव में नफरत की राजनीति के खिलाफ वोट करें। भारतीय लेखकों के एक संगठन इंडियन राइटर्स फोरम के तहत देश के 200 से ज्यादा लेखकों ने मतदाताओं से आगामी लोकसभा चुनाव में नफरत की राजनीति के खिलाफ मतदान करने की अपील की है।

सोमवार को जारी इस अपील में लोगों से भारत की विविधता और समानता के लिए मतदान करने को कहा गया है। लेखकों ने कहा है कि इससे भारतीय संविधान के मूलभूत मूल्यों को बचाने में मदद मिलेगी। इस अपील में लेखकों ने लोगों से एक समान और विविध भारत के लिए वोट करने की अपील की। इन लेखकों में गिरिश कर्नाड, अरुंधती रॉय, अमिताभ घोष, बाम, नयनतारा सहगल, टीएम कृष्णा, विवेक शानभाग, जीत थायिल, के सच्चिदानंदन और रोमिला थापर जैसे मशहूर लेखक शामिल हैं।

लेखकों ने अपनी अपील में कहा है कि वे नहीं चाहते हैं कि तर्क करने वाले, लेखक और कार्यकर्ता को निशाना बनाया जाए, क्योंकि आने वाले चुनावों में देश खुद एक चौराहे पर खड़ा है। लेखकों ने अंंग्रेजी, हिंदी, मराठी, गुजराती, उर्दू, बंगला, मलयालम, तमिल, कन्नड़ और तेलुगू भाषाओं में यह अपील की है। अपील में लेखकों ने एक स्वर में महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा का पुरजोर विरोध किया है।

अपील में आगे कहा गया है कि इन वर्षों में लेखकों, कलाकारों, फिल्म निर्माताओं, संगीतकारों और अन्य संस्कृति कर्मियों को डराया-धमकाया और सेंसर रोका गया। जो भी सत्ता पर सवाल उठाता है, उसके झूठे और हास्यास्पद आरोपों में परेशान या गिरफ्तार होने का खतरा रहता है। लेखकों के संगठन इंडियन राइटर्स फोरम ने अपील में आगे कहा, “हम सभी देश के हालात में बदलाव चाहते हैं। हम नहीं चाहते हैं कि तर्कवादियों, लेखकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को डराया जाए या उनकी हत्या हो।”

अपील में आगे कहा गया है, “हम महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहते हैं। हम रोजगार, शिक्षा, अनुसंधान, स्वास्थ्य सेवा के लिए संसाधन और उपाय और सभी के लिए समान अवसर चाहते हैं। सबसे बढ़कर, हम अपनी विविधता को बचाना चाहते हैं और लोकतंत्र को फलने-फूलने देना चाहते हैं।”

बता दें कि इससे पहले देश भर के 100 से अधिक फिल्मकारों ने लोगों से इस लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को वोट न करने की अपील की थी। फिल्म निर्माताओं ने एक वेबसाइट ‘डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट आर्टिस्टयुनाइटइंडिया डॉट कॉम’ पर यह अपील पोस्ट की थी। इन लोगों ने अपने संदेश में कहा है कि फिल्मकार देश के लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकसाथ आए हैं।

अपील पर हस्ताक्षर करने वाले 200 लेखकों के नाम यहां हैं।

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