भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और ओडिशा के पुरी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी के प्रत्याशी संबित पात्रा ने रविवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक गरीब परिवार के साथ उनके घर पर भोजन करते हुए वीडियो साझा किया। हालांकि, वीडियो शेयर करने के कुछ देर बाद ही उन्हें ट्विटर पर लोगों ने ट्रोल करना शुरू कर दिया। दरअसल, इस वीडियो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सरकार की बहुचर्चित ‘पीएम उज्ज्वला योजना’ की सफलता पर किए गए दावों की पोल खोलकर दी है।
अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए संबित पात्रा ने लिखा, “पुरी के एक छोटे से गांव में रहने वाली एक बूढ़ी विधवा मां, उसकी तीन बेटियां जिनमें 2 दिव्यांग व बेटा मजदूरी करता है। ऐसी मां का घर बनाने का काम श्री नरेंद्र मोदी जी ने किया है।” उन्होंन एक अन्य ट्वीट में लिखा है, “यह मेरा अपना परिवार है, मां ने खाना बनाकर खिलाया। मैंने अपने हाथों से इन्हें खाना खिलाया और मैं यह मानता हूं कि इनकी सेवा ही ईश्वर की सबसे बड़ी पूजा है।”
यह मेरा अपना परिवार है, माँ ने खाना बनाकर खिलाया। मैंने अपने हाथों से इन्हें खाना खिलाया और मैं यह मानता हूँ कि इनकी सेवा ही ईश्वर की सबसे बड़ी पूजा है। [2/2]@BJP4India #PhirEkBaarModiSarkar pic.twitter.com/E6ABMFj10w
— Chowkidar Sambit Patra (@sambitswaraj) March 31, 2019
पुरी के एक छोटे से गांव में में रहने वाली एक बूढ़ी विधवा माँ, उसकी तीन बेटियां जिनमें 2 दिव्यांग व बेटा मजदूरी करता है। ऐसी माँ का घर बनाने का काम श्री @narendramodi जी ने किया है। [1/2]@BJP4Odisha #PhirEkBaarModiSarkar pic.twitter.com/zhAzafVjbr
— Chowkidar Sambit Patra (@sambitswaraj) March 31, 2019
सोशल मीडिया पर लोग संबित पात्रा पर निशाना साध रहे हैं। यूजर्स पूछ रहे हैं कि आखिर उज्ज्वला योजना का क्या हुआ? जो एक बुजुर्ग विधवा महिला लकड़ी के चुल्हे पर खाना बनाने को मजबूर है। नाना नाम के एक यूजर ने लिखा, “ये मां आज भी चूल्हे पर खाना पकाने को मज़बूर है। ये विधवा हैं और उनकी 2 बेटियां दिव्यांग हैं। उज्ज्वला योजना का क्या हुआ? विधवा पेंशन और दिव्यांग पेंशन का क्या हुआ? तुम जैसे चौकीदारों के रहते किसने चोरी कर लिया इनका हक़?”
ये माँ आज भी चूल्हे पर खाना पकाने को मज़बूर है। ये विधवा हैं और उनकी 2 बेटियां दिव्यांग हैं।
उज्ज्वला योजना का क्या हुआ?
विधवा पेंशन और दिव्यांग पेंशन का क्या हुआ?
तुम जैसे चौकीदारों के रहते किसने चोरी कर लिया इनका हक़? ?— Nana : Chowkidar chor hai (@RoflNana_) March 31, 2019
वहीं, राजेश नेगी ने बीजपी प्रवक्ता से महिला को एक गैस सिलेंडर दिलवाने की गुजारिश करते हुए लिखा है, “उज्वला योजना से गैस दिलवा देना- डॉ साहब”
उज्वला योजना से गैस दिलवा देना – डॉ साहब
— Rajendra Negi (@RajendraNegii) March 31, 2019
कांग्रेस नेत्री और प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी पत्रकार प्रशांत कुमार के वीडियो पर ट्वीट कर लिखा है कि क्या में धर्मेंद्र प्रधान जी को उज्जवला योजना का श्रेय दिया जाना चाहिए?” इसके साथ ही उन्होंने #EkHiChowikdarChorHai हैशटैग का इस्लेमाल किया है।
Isn’t Dharmendra Pradhan ji the man credited for Ujwala Scheme also from Odisha? #EkHiChowikdarChorHai https://t.co/5Oj9OR0012
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) March 31, 2019
वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा ने संबित पात्रा द्वारा शेयर किए वीडियो पर लिखा है, “नरेंद्र मोदी की उज्जवला योजना की सबसे बुलंद तस्वीर”
. @narendramodi की उज्ज्वला योजना की सबसे बुलन्द तस्वीर ? https://t.co/mihDao01Xo
— Abhisar Sharma (@abhisar_sharma) March 31, 2019
एक अन्य पत्राकर अनिल तिवारी ने बीजपी प्रवक्ता से ट्वीट कर पूछा, “उज्जवला योजना नही पहुंची?”
उज्वाला योजना नही पहुँची? https://t.co/gUzB1Y3cbs
— Anil Tiwari (@Interceptors) March 31, 2019
बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का दावा है कि ग्रामीण भारतीय इलाकों के करीब एक करोड़ घरों में घरेलू गैस सिलेंडर पहुंचाने की उसकी यह योजना बेहद कामयाब रही है और इसके चलते प्रदूषण फैलाने वाले घरेलू ईंधनों के इस्तेमाल में काफी कमी हुई है। पीएम मोदी अपनी चुनावी रैलियों में अक्सर यह दावा करते रहे हैं कि ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के पास गैस सिलेंडर और चूल्हे नहीं होने के कारण उन्हें धुएं में खाना पकाने के लिए मजबूर होना पड़ता था, लेकिन उनकी सरकार ने उज्जवला योजना के जरिए उनकी परेशानियों को समाप्त कर दिया है।
अभी शनिवार को ही ओडिशा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने उज्ज्वला योजना के माध्यम से राज्य के 40 लाख घरों में धुएं से मुक्ति दिला कर गैस का चूल्हा देने का काम किया है। पीएम मोदी अक्सर उज्ज्वला योजना का जिक्र करते रहते हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर एक बार निशाना साधते हुए कहा था, “धुंआ क्या होता है, लकड़ी का चूल्हा कैसे जलता है ये नामदार (राहुल गांधी) की चार पीढ़ियों को कभी पता ही नहीं चला। मैने अपनी मां को लकड़ी के चूल्हे पर खाना पकाते देखा है, धुंए से आंखों से पानी कैसे निकलता है ये भी मैने देखा है, इसी से मुझे उज्ज्वला योजना शुरू करने की प्रेरणा मिली।”
दरअसल, जानकारों का कहना है कि मोदी सरकार की इस योजना के चलते रसोई गैस बड़ी संख्या में आम लोगों के घरों तक पहुंची है, लेकिन सरकार द्वारा किए जा रहे दावों पर अक्सर सवाल उठाए जाते रहे हैं। वहीं, इस योजना में सबसे बड़ी मुश्किल है गैस सिलेंडर (एलपीजी) को रीफिल कराना। रीफिल करने की लागत को देखते हुए ग्रामीण इलाकों में लोगों ने सिलेंडर का इस्तेमाल जारी नहीं रखा और परंपरागत ईंधन की ओर वापस लौट गए। मोदी सरकार ने 2016 में खाना पकाने के लिए स्वच्छ ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ाने वाली अपनी महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना शुरू की थी।