लोकसभा चुनावों में केन्द्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हराने के लिए कांग्रेस पार्टी अपना पूरा जोर लगा रही हैं और इसी बीच पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर किसानों, मछुआरों और छोटे कारोबारियों की आवाज ना सुनने का आरोप लगाते हुए कहा कि राजग सरकार केवल अनिल अंबानी और नीरव मोदी जैसे उद्योगपतियों की सुनती है।
‘अखिल भारतीय मत्स्य कांग्रेस’ द्वारा आयोजित ‘राष्ट्रीय मत्स्य महासभा’ को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भारत में सबसे अधिक महत्वपूर्ण, लोगों की आवाज बनना है। केरल में कांग्रेस के लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान का बिगुल फूंकते हुए उन्होंने कहा, ‘आज की सरकार में अनिल अंबानी या नीरव मोदी की ज्यादा सुनी जाती है। वे जो कुछ भी प्रधानमंत्री से कहना चाहते हैं..10 सेकेंड में कह सकते हैं। उन्हें उसके लिए चिल्लाने की जरूरत नहीं है। वे केवल फुसफुसा कर भी अपनी बात पहुंचा सकते हैं जबकि किसानों, मछुआरों और सभी छोटे उद्यमियों को अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए सरकार के सामने जोर-जोर से चिल्लाना पड़ता है।’
राहुल ने कहा कि वह मोदी से जुड़े ‘बेईमान’ लोगों की बात कर रहे हैं और ‘यह वास्तव में मोदी और कांग्रेस के बीच की लड़ाई है।’ उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ‘बेईमान’ लोग ‘मोदी की मदद उनका प्रचार करने में कर रहे हैं।’ मोदी पर तंज कसते हुए राहुल ने कहा, ‘मैं अनिल अंबानी को अनिल भाई नहीं कहता, मैं नीरव मोदी को नीरव भाई नहीं कहता, मैं मेहुल चौकसी को मेहुल भाई नहीं कहता….।’
मत्स्य समुदाय के सदस्यों की शिकायतों पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल ने कांग्रेस के सत्ता में आने पर अलग से मत्स्य मंत्रालय बनाने का वादा करते हुए कहा कि वह मोदी की तरह ‘‘झूठे वादे’’ नहीं करते। गांधी ने कहा, ‘यह मेरा आप से वादा है कि 2019 चुनाव जीतते ही देश के सभी मछुआरों के पास दिल्ली में अपना एक मंत्रालय होगा।’
मछुआरों को कांग्रेस की जीत पर वादा पूरा करने का आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ मैं नरेन्द्र मोदी की तरह नहीं हूं, मैं झूठे वादे नहीं करता।’ उन्होंने कहा, ‘मेरे भाषण पर गौर करें, जब मैं कुछ कहता हूं… तो केवल इसलिए कहता हूं क्योंकि मैंने वह करने की ठान ली होती है।’
राहुल गांधी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर आरोप लगाया कि उन्होंने उद्योगपति विजय माल्या के देश से भागने से पहले उससे मुलाकात की थी। माल्या बैंक कर्ज ना चुकने के मामले में वांछित हैं। (इंपुट: भाषा के साथ)