जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव नहीं कराने के चुनाव आयोग के फैसले की राजनीतिक पार्टियों ने आलोचना की है। चुनाव आयोग की घोषणा के कुछ ही देर बाद ही नेशनल कान्फ्रेंस (एनसी) के नेता व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान, आतंकवादियों और अलगाववादियों के सामने ‘आत्मसमर्पण’ कर दिया है।
फाइल फोटोउमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर लिखा, ‘जम्मू-कश्मीर में समय पर विधानसभा चुनाव कराने में नाकामी को देखते हुए मैं कुछ दिनों पहले किए गए अपने ट्वीटों को फिर से ट्वीट कर रहा है। पीएम मोदी ने पाकिस्तान, आतंकवादियों और हुर्रियत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। शाबाश मोदी साहब। 56 इंच का सीना फेल हो गया।’
In light of the failure to conduct assembly elections on time in J&K I’m retweeting my tweets from a few days ago. PM Modi has surrendered to Pakistan, to the militants & to the hurriyat. Well done Modi Sahib. 56 inch chest failed. #slowclap https://t.co/oqtDAfNdeb
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) March 10, 2019
उमर ने कहा कि भीषण बाढ़ से हुई तबाही के बावजूद 2014 में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव समय पर हुए थे, लेकिन अब इसमें देरी करना दिखाता है कि ‘भाजपा और उससे पहले भाजपा-पीडीपी गठबंधन ने जम्मू-कश्मीर को कितने घटिया तरीके से संभाला।’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 1996 के बाद पहली बार राज्य में विधानसभा चुनाव समय पर नहीं हो रहे। उन्होंने कहा, ‘अगली बार जब आप मजूबत नेतृत्व प्रदान करने के लिए मोदी की तारीफ करें तो इसे याद रखें।’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बालाकोट और उरी पीएम मोदी द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले संभालने के प्रतीक नहीं हैं, बल्कि जम्मू-कश्मीर है और जरा देखिए कि वहां उन्होंने कैसी कुव्यवस्था कायम कर दी है। भारत विरोधी ताकतों के सामने एकदम से घुटना टेक देना शर्मनाक है।’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘लोकसभा और राज्यसभा और हाल में दिल्ली में सर्वदलीय बैठक में दिए गए (केंद्रीय गृह मंत्री) राजनाथ सिंह के इस आश्वासन का क्या हुआ कि एक साथ चुनाव कराने के लिए सभी सुरक्षा बल उपलब्ध कराए जाएंगे।’
वही महबूबा मुफ्ती ने सरकार को निशाने पर लेते है कहा कि जम्मू-कश्मीर में केवल लोकसभा चुनाव करवाने के ऐलान से मन में अनहोनी की आशंका है। उन्होंने कहा कि लोगों को राज्य सरकार का चुनाव नहीं करने देना लोकतंत्र विरोधी है। बता दें कि, जम्मू-कश्मीर में पीडीपी और बीजेपी के अलग होने के बाद राज्य में काफी समय से राष्ट्रपति शासन लागू है।
बता दें कि चुनाव आयोग ने रविवार को जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश में लोकसभा चुनाव कुल सात चरणों में कराए जाने की घोषणा की, लेकिन सुरक्षा स्थिति को आधार बताकर जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनावों के साथ कराने से इनकार कर दिया। आयोग ने जम्मू-कश्मीर में पांच चरणों में लोकसभा चुनाव कराए जाने का ऐलान किया है। सुरक्षा कारणों से राज्य की अनंतनाग लोकसभा सीट पर तीन चरणों में मतदान कराए जाएंगे।