राफेल लड़ाकू विमान सौदे को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज करने के अपने 14 दिसंबर के फैसले की समीक्षा वाली अर्जियों पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार (6 मार्च) को सुनवाई हुई। इस दौरान सरकार ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राफेल विमान सौदे से संबंधित अहम दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी किए गए हैं। केंद्र सरकार का यह कहना कि रक्षा मंत्रालय से राफेल सौदे से जुड़े अहम दस्तावेज चोरी हो गए हैं, इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारी शर्मिंदगी हुई है।
फाइल फोटो: @INCIndiaइस बीच राफेल से जुड़े दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी होने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला। राहुल गांधी ने दावा किया कि इस ‘घोटाले’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि दस्तवेजों की ‘चोरी’ होने की बात करना सबूत को नष्ट करना और मामले पर पर्दा डालने की कोशिश है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘राफेल घोटाले में प्रधानमंत्री पर मुकदमा चलाने के लिए अब पर्याप्त सबूत है। भ्रष्टाचार की शुरुआत उन्हीं से होती है और उन पर ही खत्म होती है।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, ‘राफेल मामले की महत्वपूर्ण फाइलों से वह फंस रहे थे। अब सरकार ने कहा कि ये फाइलें चोरी हो गई हैं। यह सबूत को नष्ट करना और मामले पर पर्दा डालना है।’
There is now enough evidence to prosecute the PM in the #RafaleScam.
The trail of corruption begins & ends with him.
That crucial Rafale files incriminating him are now reported “stolen” by the Govt, is destruction of evidence & an obvious coverup. #FIRagainstCorruptModi
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 6, 2019
राहुल गांधी के अलावा पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राफेल घोटाले में देश के खजाने को नुकसान पहुंचाया गया। इसके लिए प्रधानमंत्री जी सीधे जिम्मेदार हैं। अब उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोध कानून के तहत मामला बनता है।’’ अंग्रेजी के प्रतिष्ठित अखबार ‘द हिंदू’ की एक रिपोर्ट की पृष्ठभूमि में कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘राफेल सौदे से जुड़े भारतीय वार्ता दल की बात जगजाहिर है। अब साफ है कि मोदी ने देश और संसद को गुमराह किया ताकि पूरे षणयंत्र पर पर्दा डाला जा सके। अब साजिश का भंडाफोड़ हो गया है।मोदी सरकार ने संप्रग सरकार के मुकाबले राफेल की कहीं अधिक कीमत अदा की है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने दसाल्ट को फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया है और उनके खिलाफ भ्रष्टााचार निरोध कानून के तहत मामला बनता है और उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए। सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘‘चौकीदार ने भारतीय वार्ता दल को दरकिनार कर खुद सौदे का निर्णय किया। यह सनसनीखेज बात सामने आई है कि भारतीय वार्ता दल ने फैसला नहीं किया, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने किया।’’
अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के मुताबिक राजग सरकार द्वारा फ्रांस सरकार से राफेल सौदे पर बैंक गारंटी न करने से सौदा काफी महंगा हो गया। इसमें कहा गया है कि हर विमान की कीमत पिछली सरकार के सौदे के मुकाबले 41 फीसदी अधिक हो गई।
दरअसल, सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राफेल विमान सौदे से संबंधित दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी किए गए हैं और याचिकाकर्ता इन दस्तावेजों के आधार पर विमानों की खरीद के खिलाफ याचिकायें रद्द करने के फैसले पर पुनर्विचार चाहते हैं।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने अपने दिसंबर, 2018 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी तथा अधिवक्ता प्रशांत भूषण की याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। पुनर्विचार याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि शीर्ष अदालत में जब राफेल सौदे के खिलाफ जनहित याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया तो केंद्र ने महत्वपूर्ण तथ्यों को उससे छुपाया था।