भारत के पुलवामा में आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के भाई सहित विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों के 44 सदस्यों को पाकिस्तान नें मंगलवार (5 मार्च) को एहतियातन हिरासत में ले लिया। पाकिस्तानी गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री शहरयार आफरीदी और गृह सचिव आजम सुलेमान खान ने एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि अजहर के भाई बताए जा रहे हमद अजहर और एक अन्य रिश्तेदार मुफ्ती अब्दुल रऊफ समेत 44 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
पाकिस्तान ने उसकी सरजमीं पर सक्रिय आतंकी संगठनों पर लगाम कसने तथा उन्हें मिलने वाले धन पर रोक लगाने के लिए वैश्विक समुदाय के बढ़ते दबाव के बीच यह कार्रवाई की है। गृह राज्यमंत्री शहरयार खान अफरीदी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कार्रवाई में पकड़े गए 44 सदस्यों में अजहर का भाई मुफ्ती अब्दुर रऊफ और एक अन्य हम्माद अजहर शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि भारत द्वारा पिछले सप्ताह पाकिस्तान को सौंपे गए डॉजियर में मुफ्ती अब्दुर रऊफ और हम्माद अजहर के नाम शामिल थे। प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ यह कार्रवाई ऐसे समय की गई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है। जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को जैश ए मोहम्मद आतंकी संगठन के आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
भारत ने जैश ए मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान को एक डॉजियर सौंपा था जिसके बाद इस्लामाबाद पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा आतंकवादी के रूप में चिन्हित व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बना। हालांकि मंत्री ने कहा कि यह कार्रवाई किसी दबाव में नहीं की गई है। मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय कार्रवाई योजना के तहत सभी प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि दो सप्ताह तक अभियान जारी रहेगा और साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी।मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की नीति यह है कि पाकिस्तान की जमीन को किसी के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जाएगी। इससे एक दिन पहले, पाकिस्तान में सोमवार को व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को लागू करने हेतु प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए एक कानून लाया गया था।
इस आदेश की व्याख्या करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि इसका मतलब यह हुआ कि सरकार ने देश में सक्रिय सभी प्रतिबंधित संगठनों की संपत्तियों को अपने नियंत्रण में ले लिया है। समझा जाता है कि भारत के कूटनीतिक प्रयासों तथा अमेरिका समेत अंतरराष्ट्रीय समूह के दबाव के आगे पाकिस्तान को आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा है।