बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता और निर्माता अमोल पालेकर से जुड़ी एक सामने आई है, जो काफी वायरल हो रहा है। दरअसल, केंद्र की नरेंद्र सरकार की कथित आलोचना करने पर अमोल पालेकर को अपना भाषण बीच में ही रोकना पड़ गया। पालेकर शुक्रवार (8 फरवरी) मुंबई स्थित एक कार्यक्रम में सरकारी सेंसरशिप के खिलाफ बोल रहे थे, लेकिन भाषण के दौरान कार्यक्रम की मॉडरेटर ने ही उन्हें बीच में ही बोलने से रोक दिया।

द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मुंबई में आयोजित नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (एनजीएमए) में एक प्रदर्शनी के दौरान अमोल पालेकर का भाषण बीच में ही रोक दिया गया। अखबार के मुताबिक, पालेवर उस वक्त सरकारी सेंसरशिप के खिलाफ बोल रहे थे। पालेकर ने बोलने की आजादी पर लगाई गई इस पाबंदी को लेकर चिंता जाहिर की है। यह कार्यक्रम कलाकार प्रभाकर बर्वे की याद में आयोजित किया गया था।
अपने भाषण के दौरान पालेकर ने आर्ट गैलरी की स्वतंत्रता पर चिंता जाहिर करते हुए इसके काम-काज के तरीके पर भी सवाल उठाए। रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे ही अभिनेता ने केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के एक फैसले की आलोचना करनी शुरू की, कार्यक्रम की मॉडरेटर ने उन्हें बोलने से रोक दिया। उन्हें अपने पूरे भाषण के दौरान कई बार रोक गया और भाषण जल्दी खत्म करने के लिए कहा गया।
प्रभाकर बर्वे की याद में आयोजित प्रदर्शनी ‘इंसाइड द एंपटी बॉक्स’ के उद्घाटन के दौरान पालेकर अपना भाषण दे रहे थे। इस दौरान नेशनल गैलरी ऑफ मॉर्डन ऑर्ट के कई सदस्यों ने उन्हें बीच-बीच में रोका। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में पालेकर गैलरी के बैंगलुरू और मुंबई केंद्र में कलाकारों की सलाहकार समितियों को भंग करने के मुद्दे पर भारत के सांस्कृति मंत्रालय की आलोचना कर रहे हैं।
अपने भाषण में पालेकर ने कहा, “आपमें से बहुत से लोगों को शायद ये पता न हो कि ये अंतिम शो होगा जिसे स्थानीय कलाकारों की सलाहकार समिति ने तय किया है न कि मोरल पुलिसिंग या किसी खास तरह की विचारधारा को बढ़ावा देने वाले सरकारी एजेंटे या सरकारी बाबुओं ने।” बीबीसी के मुताबिक पालेकर ने कहा, “जहां तक मुझे पता है दोनों ही क्षेत्रीय केंद्रों मुंबई और बैंगलुरू में 13 नवंबर 2018 तक कलाकारों की सलाहकार समितियों को भंग कर दिया गया है।”
Just got this video of one of my favourite actors, Amol Palekar, being cut off while ruing the loss of independence in art at @mumbai_ngma simply because he seemed critical of a Ministry of Culture/NGMA decision.
This is what #intolerance in the present times is all about. Sad! pic.twitter.com/u8L30qeiz7
— Annu Tandon (@AnnuTandonUnnao) February 9, 2019
साथ ही अभिनेता ने कहा कि जो उन्होंने सुना है वो उसकी पुष्टि करने की प्रक्रिया में हैं। लेकिन इसी दौरान जब पालेकर सरकार की आलोचना कर रहे थे तब एनजीएमए की मुंबई केंद्र की निदेशक अनिता रूपावतरम ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा कि वो अपनी बात को आयोजन तक ही सीमित रखें। इसके जबाव में पालेकर ने कहा, “मैं इसी बारे में बात करने जा रहा हूं, क्या आप उस पर भी सेंसरशिप लागू कर रही हैं?”
एक्सप्रेस के मुताबिक, संबोधन के दौरान पालेकर को कई बार टोका गया। सबसे पहले कलाकार और सलाहकार समिति की पूर्व चेयरमैन सुहास बहुल्कर ने पालेकर को प्रभाकर बर्वे और उनके कार्यों के बारे में बोलने के लिए कहा। वहीं, शो क्यूरेट जेसल थैकर ने विरोध जताया तो पालेकर ने नयनतारा सहगल का जिक्र किया, जिन्हें मराठी लिट्रेचर इवेंट में आमंत्रित किया गया था, लेकिन वर्तमान राजनीतिक माहौल पर स्पीच के चलते भाषण देने नहीं दिया गया था। बार-बार रोके जाने के चलते पालेकर अपना भाषण पूरा नहीं कर सके और उन्हें मजबूरन मंच छोड़ना पड़ गया।