सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (7 फरवरी) को बिहार के मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न मामले की जांच कर रहे अधिकारी का तबादला करने को लेकर सीबीआई को फटकार लगाई। इस मामले में कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो के पूर्व अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव को अवमानना का नोटिस भेजकर तलब किया है। न्यायालय ने सीबीआई के तत्कालीन अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव को अवमानना का नोटिस भेजा और 12 फरवरी को अपने समक्ष पेश होने को कहा। सीबीआई के तत्कालीन अंतरिम निदेशक राव ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में जांच अधिकारी को कोर्ट की अनुमति के बिना ट्रांसफर कर दिया था।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) रंजन गोगोई की बेंच ने फटकार लगाते हुए कहा कि पहली नजर में यही लग रहा है कि नागेश्वर राव ने सीबीआई अधिकारी एके शर्मा का ट्रांसफर कर कोर्ट की अवमानना की है। शीर्ष अदालत ने कहा कि ट्रांसफर आदेश जारी करने से पहले राव को कोर्ट से सहमति लेनी चाहिए थी। बता दें कि नागेश्वर राव ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की जांच कर रहे अधिकारी एके शर्मा का पिछले दिनों ट्रांसफर कर दिया था। जबकि कोर्ट ने आदेश दिया था कि उस मामले से जुड़े अधिकारियों की यथास्थिति बनाए रखें।
सीजेआई गोगोई ने सीबीआई के वकील से कहा कि आपने कोर्ट के आदेश के साथ खिलवाड़ किया है। अब भगवान ही आपकी मदद करें। सीबीआई के वकील ने बताया कि राव सहित दो अधिकारी एके शर्मा के तबादले में शामिल थे। इसके बाद जस्टिस गोगोई ने कहा, “हम इसे काफी गंभीरता से लेने जा रहे हैं। आपने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ खेला है। भगवान आपकी मदद करें। कभी भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश से न खेलें।”
“We are going to take it very very seriously. You have played with order of Supreme Court of India. God help you. Never play with SCs order,”Chief Justice Ranjan Gogoi says after CBI counsel informed that 2 officials including M Nageswara Rao were involved in transferring Sharma. https://t.co/LSTnGwoJiY
— ANI (@ANI) February 7, 2019
कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि आपने कहा था कि एके शर्मा जांच टीम के वरिष्ठ अधिकारी होंगे। तो फिर जांच की निगरानी कर रहे एके शर्मा का तबादला क्यों किया गया? बता दें कि जब अचानक आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटाया गया था तो सरकार द्वारा नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक बनाकर एजेंसी की कमान सौंपी गई थी। इस दौरान ही उन्होंने एके शर्मा का तबादला किया था। एके शर्मा उस समय बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस की जांच कर रहे थे।
पीटीआई के मुताबिक, शीर्ष अदालत ने अपने पहले के आदेशों का संदर्भ दिया जिनमें सीबीआई से बिहार आश्रय गृह मामलों की जांच करने वाली टीम से एक के शर्मा को नहीं हटाने को कहा गया था। न्यायालय ने सीबीआई निदेशक को ए के शर्मा का ट्रांसफर जांच एजेंसी के बाहर करने की प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों के नाम बताने का निर्देश दिया। कोर्ट ने ए के शर्मा के ट्रांसफर प्रक्रिया में शामिल सीबीआई के अन्य सभी अधिकारियों को भी 12 फरवरी को पेश होने को कहा है।
न्यायालय ने अपने आदेश के उल्लंघन के लिए सीबीआई अभियोजन निदेशक प्रभारी एस भासु राम को भी मौजूद रहने का निर्देश दिया। इससे पहले गुरुवार सुबह सुनवाई के दौरान न्यायालय ने मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न मामले में बिहार की नीतीश सरकार से कहा कि बस बहुत हो गया, बच्चों के साथ ऐसा बर्ताव नहीं किया जा सकता। न्यायालय ने आश्रय गृहों की देखभाल को लेकर बिहार सरकार की आलोचना की। कोर्ट ने कहा कि मुजफ्फरपुर यौन उत्पीड़न मामले से जुड़े दस्तावेजों को दो सप्ताह के भीतर बिहार सीबीआई अदालत से साकेत निचली अदालत में स्थानांतरित किया जाए।