जन्मदिन पर बोलीं मायावती- झूठे वादों वाली BJP का सूपड़ा साफ करेगा सपा-बसपा गठबंधन, मुस्लिमों को भी मिले 10 फीसदी आरक्षण

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देश की जनता से आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के झूठे वादों और प्रलोभन से सावधान रहने की नसीहत देते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार (15 जनवरी) को कहा कि सपा से किया गया गठबंधन केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का सूपड़ा साफ कर देगा। बता दें कि बसपा और सपा आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 38-38 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगी। बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार (12 जनवरी) को राजधानी लखनऊ के एक होटल में आयोजित संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह घोषणा की थी।

अपने 63वें जन्मदिन के मौके पर पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मायावती ने कहा कि सपा-बसपा गठबंधन से बीजेपी के होश उड़े हुए हैं। इस गठबंधन की मजबूती के लिए दोनों दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को कड़ी मेहनत और एकजुटता का प्रदर्शन करना होगा ताकि आगामी चुनाव में पूंजीपतियों का भला चाहने वाली सरकार से निजात मिल सके। उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश की जनता से किए गए वादे हवा हवाई साबित हुए हैं जबकि इस बार चुनाव की आहट होते ही मोदी देश भर में जनसभाएं कर वादे और प्रलोभन की कवायद में जुट गए हैं।

मोदी सरकार में पूंजीपतियों का ही हुआ भला

माया ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में सिर्फ मुट्ठी भर पूंजीपतियों का ही भला हुआ है जबकि मजदूर, किसान नौजवान और अल्पसंख्यक खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। मोदी ने पिछले चुनाव में वादा किया था कि उनकी सरकार आते ही विदेशों से काला धन लाया जाएगा और हर एक के खाते में 15-15 लाख रूपये डाले जाएंगे जिसने गरीब एवं किसानों की उम्मीदों पर पानी फेरा है। किसानों की पूर्ण कर्ज माफी की वकालत करते हुए मायावती ने कहा कि इस संबंध में सरकार को स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को ईमानदारी से लागू करना चाहिए। छोटी छोटी कर्जमाफी से किसानों का भला होने वाला नहीं है। सरकार को इस दिशा में स्पष्ट कार्यप्रणाली और नीतियों के साथ चलने की जरूरत थी जिस पर वह नाकाम साबित हुई है।

सरकारी एजेंसियों का हुआ दुरूपयोग

मायावती ने कहा कि बीजेपी ने अपने शासनकाल में सरकारी एजेंसियों का जमकर दुरूपयोग किया है। खनन के झूठे मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम सीबीआई जांच के लिये उछालना इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। भाजपा के कार्यकाल में भ्रष्टाचार चरम पर है। यह सरकार संसद से लेकर आम जनता तक अपनी बेगुनाही की सफाई देने में लगी है। यदि सरकार की नीयत पाक साफ होती तो वह सफाई देने की बजाये सरकारी धन और ऊर्जा का उपयोग जनकल्याणकारी कार्यों में लगाने का काम करती।

मुस्लिमों को भी मिले 10 फीसदी आरक्षण

आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि गरीब सवर्णों के उत्थान के लिए उनकी पार्टी पहले से ही आरक्षण की मांग करती रही है, हालांकि उन्हें संदेह है कि संकीर्ण धार्मिक भावना रखने वाली बीजेपी सरकार के कार्यकाल में आरक्षण का लाभ अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिम वर्ग के लोगों को ईमानदारी से मिल सकेगा।

उन्होंने कहा कि आजादी के समय सरकारी नौकरियों में मुस्लिमों की हिस्सेदारी 33 प्रतिशत थी जो मौजूदा समय में घट कर दो से तीन फीसदी रह गई है। उनकी पार्टी मुस्लिमों के लिए आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग करती है और करती रहेगा। पार्टी कार्यकर्ताओं से सभी गिले शिकवे भुलाकर सपा-बसपा गठबंधन को पूरे तन मन से जिताने की अपील करते हुए मायावती ने कहा कि चुनाव के बाद देश और प्रदेश की जनता यह तय करेगी कि देश में किसकी सरकार बनेगी और प्रधानमंत्री कौन बनेगा।

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