सिविल सेवा परीक्षा में 2010 में देशभर में अव्वल रहने के कारण खबरों में रहे जम्मू कश्मीर के आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने कश्मीर में कथित हत्याओं और इन मामलों में केंद्र की ओर से गंभीर प्रयास नहीं करने का आरोप लगाते हुए बुधवार (9 जनवरी) को इस्तीफा दे दिया। बता दें कि साल 2009 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) परीक्षा टॉप करने वाले शाह फैसल पहले कश्मीरी बने थे। फैसल के इस्तीफे पर अब राजनीतिक घमासान मचा गया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि शाह फैसल का इस्तीफा देना केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी सरकार के लिए ‘कलंक’ है।
वहीं, इस्तीफा देने के एक दिन बाद शाह फैसल ने गुरुवार (10 जनवरी) कहा कि उनका अगला कदम इस पर निर्भर करेगा कि कश्मीर के लोग, खासकर नौजवान उनसे क्या चाहते हैं। शाह फैसल ने कहा कि सरकारी सेवा छोड़ने के लिए उन्हें आलोचना और सराहना दोनों मिली है और उन्हें इसकी ‘पूरी उम्मीद भी थी।’ बता दें कि फैसल ने अपने भविष्य के बारे में निर्णय लेने के लिए शुक्रवार को श्रीनगर में लोगों से मिलकर सुझाव लेने वाले थे, हालांकि उन्होंने देर रात अपने फेसबुक पोस्ट में खराब मौसम का हवाला देते हुए बैठक रद्द होने की सूचना दी।
इससे पहले गुरुवार को उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘अब मैं सेवा छोड़ चुका हूं। इसके बाद मैं जो कदम उठाऊंगा वह इस पर निर्भर करेगा कि कश्मीरी लोग, खासकर युवा मुझसे क्या चाहते हैं।’ फैसल ने अपने भविष्य के बारे में निर्णय करने से पहले लोगों से सुझाव देने के बारे में भी कहा है। उन्होंने कहा अगर आप फेसबुक/टि्वटर से बाहर निकलकर कल (शुक्रवार) श्रीनगर आएं तो हम साथ मिलकर विचार कर सकते है। फेसबुक लाइक्स और कमेंट से नहीं बल्कि लोगों से मिलकर राजनीति पर फैसला होगा।
एमबीबीएस डिग्री धारक शाह फैसल ने कहा कि वह आयोजन स्थल के बारे में बताएंगे, क्योंकि उन्हें पता चला है कि कई लोग उनसे मिलने आ रहे हैं। पूर्व आईएएस अधिकारी के नेशनल कांफ्रेंस से जुड़ने की चर्चा है लेकिन उनके फेसबुक पोस्ट से और भी अटकलें तेज हो गई है। उन्होंने कहा, देखते हैं उन सैकड़ों हजारों लोगों में कितने लोग बात करने आते हैं। नीचे कमेंट में हां टाइप करें। बाद में मत कहिएगा कि मुझे पहले युवाओं से पूछना चाहिए था।
कश्मीर में कथित हत्याओं को बताया वजह
35 वर्षीय फैसल ने फेसबुक पर सिविल सेवा अधिकारी पद से इस्तीफा देने की घोषणा करते हुए एक संक्षिप्त बयान में लिखा कि उनका इस्तीफा, ‘‘हिंदूवादी ताकतों द्वारा करीब 20 करोड़ भारतीय मुस्लिमों के हाशिये पर जाने की वजह से उनके दोयम दर्जे का हो जाने, जम्मू कश्मीर राज्य की विशेष पहचान पर कपटपूर्ण हमलों तथा भारत में अति-राष्ट्रवाद के नाम पर असहिष्णुता एवं नफरत की बढ़ती संस्कृति के विरुद्ध है।’’
हाल ही में विदेश में प्रशिक्षण पाकर लौटे और पदस्थापना का इंतजार कर रहे फैसल ने कहा कि उन्होंने कश्मीर में लगातार हत्याओं के मामलों और इन पर केंद्र सरकार की ओर से कोई गंभीर प्रयास नहीं होने के चलते, भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देने का फैसला किया है। फैसल ने केंद्र में बीजेपी नीत सरकार का नाम तो नहीं लिया लेकिन परोक्ष हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि आरबीआई, सीबीआई और एनआईए जैसी सरकारी संस्थाओं को नुकसान पहुंचाया जा रहा है जिससे इस देश की संवैधानिक इमारत ढह सकती है और इसे रोकना होगा।
बीजेपी सरकार पर निशाना!
पीटीआई के मुताबिक फैसल ने कहा, ‘‘मैं दोहराना चाहता हूं कि इस देश में आवाजों को लंबे समय तक दबाया नहीं जा सकता और यदि हम सच्चे लोकतंत्र में रहना चाहते हैं तो हमें इसे रोकना होगा।’’ फैसल ने आईएएस में चुने जाने और इसके आगे की यात्रा में उनका समर्थन करने के लिए दोस्तों, परिवार और शुभचिंतकों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि मेरा महत्वपूर्ण काम प्रशासनिक सेवा में आना चाह रहे युवाओं को प्रशिक्षित करना होगा ताकि उनका सपना पूरा हो।