केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में सैकड़ों साल पुरानी परंपरा बुधवार (2 जनवरी) को टूट गई। सबरीमाला में ‘प्रतिबंधित’ उम्र वाली दो महिलाओं (44 एवं 42 वर्ष) ने इतिहास रचते हुए बुधवार तड़के केरल के सबरीमाला में भगवान अयप्पा के मंदिर में प्रवेश किया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पहली बार सबरीमाला मंदिर में दो महिलाओं ने प्रवेश कर पूजा-अर्चना की है और इस तरह से देखा जाए तो मंदिर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है।

हालांकि, सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री ने केरल में भूचाल ला दिया है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सांसद मीनाक्षी लेखी ने मंदिर में दो महिलाओं की एंट्री के विरोध में शुक्रवार (4 जनवरी) को विवादित बयान दिया। सबरीमाला विवाद के लिए केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने दावा किया कि मंदिर में प्रवेश करने वाली दोनों महिलाओं को हिजड़ा (ट्रांसजेंडर) बनाकर का रूप देकर मंदिर के अंदर ले जाया गया था।
शुक्रवार को समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए लेखी ने कहा, “इसे (सबरीमाला विवाद) जंग का मैदान बनाने के लिए सिर्फ एक व्यक्ति जिम्मेदार हैं और वो हैं मिस्टर विजयन (केरल के सीएम पिनाराई विजयन)। महिलाओं को हिजड़ा बनाकर लेकर जाना रात को एक बजे, अगर वो भक्त महिला थीं तो दिन में आना चाहिए था, लेकिन रात को ये कार्रवाई की गई।”
Meenakshi Lekhi,BJP on #SabarimalaTemple: If there is one person who has converted it into a clash zone, it is Mr Vijayan (Kerala CM). Mahilaon ko 'hijra' banakar lekar jana raat ko 1 baje, agar woh bhakt mahila thi toh din mein aana chahiye tha, lekin raat ko yeh karwahi ki gayi pic.twitter.com/5NGTaeJAXt
— ANI (@ANI) January 4, 2019
महिलाओं के प्रवेश के विरोध में हिंदू संगठनों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है। दो महिलाओं के प्रवेश करने के बाद पिछले दो दिनों में दक्षिणपंथी समूहों के हिंसक प्रदर्शनों के सिलसिले में अभी तक 266 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि 334 लोगों के एक समूह को एहतियातन हिरासत में लिया गया।
सबरीमाला में प्रवेश कर महिलाओं ने रचा इतिहास
गौरतलब है कि रजस्वला आयु वर्ग की दो महिलाओं कनकदुर्गा (44 वर्ष) और बिंदू (42 वर्ष) ने हिन्दूवादी संगठनों की तमाम धमकियों की परवाह न करते हुए बुधवार (2 जनवरी 2019) तड़के भगवान अयप्पा के सबरीमला मंदिर में प्रवेश कर सदियों पुरानी परंपरा तोड़ दी। कनकदुर्गा और बिंदू पुलिस की निगरानी वाले पवित्र मंदिर में पहुंचीं। काले परिधान पहने और चेहरों को ढकी महिलाओं ने तड़के तीन बजकर 38 मिनट पर मंदिर में प्रवेश किया।
बिंदू कॉलेज में लेक्चरर और भाकपा (माले) कार्यकर्ता हैं। वह कोझिकोड जिले के कोयिलैंडी की रहने वाली है। कनकदुर्गा मलप्पुरम के अंगदीपुरम में एक नागरिक आपूर्ति कर्मी हैं। वे दोनों 24 दिसंबर को सबरीमाला आई थीं। इससे पहले चेन्नई के एक संगठन ने 11 महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया था और अयप्पा मंत्रोच्चारण कर रहे श्रद्धालुओं ने उन्हें वहां से लौटा दिया था।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 28 सितंबर को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 10 वर्ष से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी थी। इसके बावजूद इस आयुवर्ग की कोई बच्ची या युवती श्रद्धालुओं एवं दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध के कारण मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई थी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को माकपा नीत एलडीएफ सरकार ने लागू करने का फैसला किया है। इसके बाद से मंदिर में 10 से 50 साल आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ और बीजेपी इस आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे हैं। बिंदू एवं कनकदुर्गा के घरों के बाहर पुलिस बलों को तैनात किया गया है।