केरल के सबरीमाला मंदिर में सैकड़ों साल पुरानी परंपरा बुधवार (2 जनवरी) को टूट गई। सबरीमला में 44 वर्ष एवं 42 वर्ष की उम्र की दो महिलाओं ने इतिहास रचते हुए बुधवार को तड़के केरल के भगवान अयप्पा मंदिर में प्रवेश किया। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पहली बार सबरीमाला मंदिर में दो महिलाओं ने प्रवेश कर पूजा अर्चना की है और इस तरह से मंदिर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हर उम्र की महिलाओं को मंदिर जाकर पूजा अर्चना करने का आदेश दिया है, बावजूद इसके भगवान अयप्पा के भक्त महिलाओं को एंट्री नहीं दे रहे हैं।
ऐसा बताया जा रहा है कि पारंपरिक काले परिधान पहने और सिर ढक कर कनकदुर्गा (44) और बिंदू (42) बुधवार को तड़के तीन बजकर 38 मिनट पर मंदिर पहुंचीं। पुलिस ने विरोध प्रदर्शनों की आशंका के कारण दोनों महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराई है। इससे पहले उन्होंने 24 दिसंबर को भी मंदिर में प्रवेश की कोशिश की थी लेकिन विरोध के कारण उन्हें लौटना पड़ा था। मंदिर 30 दिसंबर को मकरविल्लकु उत्सव के लिए खोला गया था।
#WATCH Two women devotees Bindu and Kanakdurga entered & offered prayers at Kerala's #SabarimalaTemple at 3.45am today pic.twitter.com/hXDWcUTVXA
— ANI (@ANI) January 2, 2019
Visuals of two women (Bindu and Kanaga Durga) at Sabarimala shrine earlier this morning pic.twitter.com/347z3KWAwU
— Arvind Gunasekar (@arvindgunasekar) January 2, 2019
बता दें कि इससे पहले 24 दिसंबर के आस-पास भी सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा के दर्शन की चाह रखने वाली तमिलनाडु की 11 महिलाओं के एक समूह को प्रदर्शनकारियों के हिंसक होने पर यात्रा को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था। इस दौरान पुलिस ने दो दर्जन प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया था। महिलाओं के इस समूह का नेतृत्व साल्वी कर रही थीं, जिनका संबंध तमिलनाडु के मनिति महिला समूह से है। भक्तों द्वारा पहाड़ी पर चढ़ने से उन्हें रोकने और भगाने पर इन महिलाओं को पंबा से मदुरै के लिए वापस जाने को बाध्य होना पड़ा।
आपको बता दें कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने केरल के भगवान अयप्पा के मंदिर में महावारी आयु वाली महिलाओं के प्रवेश पर लगी पाबंदी हटा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सभी आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने का आदेश दिया था जिसे माकपा नीत एलडीएफ सरकार ने लागू करने का फैसला किया है। इसके बाद से मंदिर में 10 से 50 साल आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ और बीजेपी इस आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे हैं।
बिंदू कॉलेज में लेक्चरर और भाकपा (माले) कार्यकर्ता हैं। वह कोझिकोड जिले के कोयिलैंडी की रहने वाली है। कनकदुर्गा मलप्पुरम के अंगदीपुरम में एक नागरिक आपूर्ति कर्मी हैं। वे दोनों 24 दिसंबर को सबरीमला आई थीं। इससे पहले चेन्नई के एक संगठन ने 11 महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया था और अयप्पा मंत्रोच्चारण कर रहे श्रद्धालुओं ने उन्हें वहां से लौटा दिया था।