दूरदर्शन की तीन महिला कर्मचारियों ने वरिष्ठ अधिकारियों पर लगाए यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप

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देश भर में चल रहे ‘मी टू’ अभियान (यौन उत्पीड़न के खिलाफ अभियान) के तहत हर रोज चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। अमेरिका से शुरू हुए ‘मीटू’ आंदोलन ने भारत में भी भूचाल मचा दिया है। मी टू अभियान के तहत हर रोज बॉलीवुड सहित अलग-अलग संस्थान में कार्यरत महिलाएं आगे आकर अपनी आपबीती बयां कर रही हैं, जिसका सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस बीच अब दूरदर्शन टेलीविजन नेटवर्क में यौन शोषण के कई गंभीर मामले सामने आए हैं।

दूरदर्शन टेलीविजन नेटवर्क की तीन कर्मचारियों ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि उनके अनुबंधों का नवीकरण करने के नाम पर वरिष्ठों ने उनका यौन उत्पीड़न किया। दूरदर्शन टेलीविजन नेटवर्क की तीन कर्मचारियों के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए दूरदर्शन सूत्रों ने बताया कि नेटवर्क ने यौन उत्पीड़न की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की थी और इस मामले पर और अधिक जानकारी इकट्ठा की जाएगी।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक महिलाओं ने दावा किया कि उनके अनुबंधों का नवीकरण करने के नाम पर उनका शोषण किया गया। इनमें से एक शिकायत 2015 की है। इन महिलाओं में से एक ने आरोप लगाया, ‘‘यौन उत्पीड़न की शिकायतों से निपटने वाली आंतरिक समिति से संपर्क किए जाने पर मुझे धमकी दी गई और बदसलूकी की गई। समिति निष्पक्ष थी और उसने अपनी सिफारिशें दी थीं लेकिन अधिकारियों द्वारा इन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।’’

महिला ने दावा किया कि उसने 2015 में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) ने उसके (आरोपी के) निलंबन के आदेश दिए थे लेकिन डीडी के अधिकारियों द्वारा इसका पालन नहीं किया गया। महिलाओं में से एक दूरदर्शन के भोपाल केंद्र में काम करती थी और दो महिलाएं दूरदर्शन दिल्ली से है। संवाददाता सम्मेलन के दौरान दो महिलायें अपने चेहरों को ढककर आई थीं।

उनमें से केवल दो ने मीडिया से बात की। शिकायत करने वाली सभी महिलाएं संविदाकर्मी हैं। महिलाओं ने उत्पीड़न की घटनाओं के बारे विस्तृत जानकारी नहीं दी। तीन महिलाओं में से एक महिला ने दावा किया कि आईसीसी में शिकायत किये जाने के बाद से उसे आठ महीने का वेतन भी नहीं दिया गया था।

महिला ने पत्रकारों को बताया कि उसने मार्च 2018 में आईसीसी से शिकायत की थी। वरिष्ठों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बजाय उसका स्थानांतरण कर दिया गया और उसे उसका नया काम करने की अनुमति नहीं दी गई।पीड़ितों को सलाह दे रहीं वकील वरूणा भंडारी ने कहा कि दूरदर्शन की ही अन्य सात महिला कर्मचारियों ने उनसे संपर्क किया जिनके साथ कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न हुआ।

भंडारी ने संवाददाता सम्मेलन में दावा किया, ‘‘10 मामलों में से नौ में आईसीसी यौन उत्पीड़न की शिकायतों पर ध्यान नहीं देती है।’’ तीनों महिलाओं ने यह भी मांग की कि आईसीसी को ‘‘कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों पर निष्ठापूर्वक ध्यान देना चाहिए।’’ डीडी में सूत्रों के अनुसार सभी डीडी केन्द्रों पर आईसीसी गठित की गई है। सूत्रों ने बताया,‘‘हालांकि, हम शिकायतों की स्थिति के बारे में सूचनाएं इकट्ठा करेंगे।’’

आपको बता दें कि अभिनेता नाना पाटेकर पर एक फिल्म की शूटिंग के दौरान 2008 में अपने साथ दुर्व्यवहार करने का अदाकारा तनुश्री दत्ता द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद देश में शुरू हुआ ‘‘मी टू’’ अभियान तेजी से आगे बढ़ा है। कई महिलाओं ने सामने आकर विभिन्न शख्सियतों के खिलाफ अपनी शिकायत व्यक्त की है।

यौन दुर्व्यवहार के आरोपियों में पूर्व विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर, फिल्म निर्देशक सुभाष घई, साजिद खान, रजत कपूर और अभिनेता आलोक नाथ आदि शामिल हैं। अकबर ने अपने खिलाफ लगे इन आरोपों को लेकर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।

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