देश की राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में एक पार्क में नमाज पढ़ने से उत्तर प्रदेश पुलिस ने रोक लगा दी है। इसके लिए पुलिस ने इलाके में स्थित सभी कंपनियों को नोटिस भेजा है। नोटिस के मुताबिक, अगर नोएडा सेक्टर-58 के स्थित कंपनी के कर्मचारी नियमों का उल्लंघन करते पाए तो इसके लिए संस्थान को ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा। वहीं, इस मामले पर अब राजनीतिक बयानबाजी भी तेज होती जा रहीं है।
(IANS File Photo)ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी पुलिस के इस फैसले पर पलटवार करते हुए कहा कि कांवड़ियों के लिए फूल बरसाने वाली पुलिस को हफ्ते में एक बार पढ़ी जाने वाली नमाज से दिक्कत हो रही है।
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा, उत्तर प्रदेश की पुलिस ने कांवड़ियों के लिए फूल बरसाए थे, लेकिन हफ्ते में एक बार पढ़ी जाने वाली नमाज़ का मतलब शांति और सद्भाव बिगड़ सकता है। ये बिल्कुल वैसा हुआ कि आप मुसलमानों से कह रहे हो कि आप कुछ भी कर लो, लेकिन गलती तो आपकी ही होगी।
इसके अलावा ओवैसी ने लिखा, इसके अलावा, कानून के अनुसार, कोई व्यक्ति कर्मचारी अगर व्यक्तिगत तौर पर कुछ करता है तो इसके लिए किसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कैसे उत्तरदायी ठहरा जा सकता है?
बता दें कि नोएडा थाना सेक्टर- 58 के प्रभारी निरिक्षक पंकज राय ने मंगलवार को ‘जनता का रिपोर्टर’ से बात करते हुए कहा था कि, यह पार्क नोएडा अथॉरिटी के अंतर्गत आता है और पहले यहां 5 से 10 लोग नमाज पढ़ने आते थे जिससे लोगों को कोई दिक्कत नहीं थी। लेकिन कुछ दिनों बाद पार्क में आसपास की कंपनियों के करीब 200 कर्मचारी भी यहां पर नमाज पढ़ने पढ़ने के लिए आने लगे। जिसके बाद यहां घूमने वाले लोगों ने आपत्ति जताते हुए पुलिस में शिकायत कर दी, जिसके बाद हमने यह नोटिस जारी किया।
पंकज राय ने आगे कहा कि पार्क के आसपास मौजूद कंपनियों को इस बारे में सूचित कर दिया गया है। उनकी कंपनी में मौजूद मुस्लिम लोगों के लिए नमाज पढ़ने के लिए जगह दी जाए और उन्हें बता दिया जाएं कि खुले पार्क में नमाज़ अदा ना करें। यदि किसी कंपनी का कर्मचारी पार्क में नमाज पढ़ते हुए दिखा तो इसकी जिम्मेदारी कंपनी की होगी।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, नोएडा के एसएसपी अजय पाल ने बताया कि कई लोगों ने सेक्टर 58 में स्थित पार्क में धार्मिक प्रार्थना की इजाजत मांगी थी, लेकिन सिटी मैजिस्ट्रेट ऑफिस से इजाजत नहीं दी गई। मजिस्ट्रेट कार्यालय से कोई अनुमति नहीं मिलने के बावजूद वहां लोग नमाज पढ़ने के लिए एकत्रित होते थे। पुलिस ने इससे इनकार करते हुए आसपास की कंपनियों को सूचित कर दिया है, यह सूचना किसी विशेष व्यक्ति या धर्म के लिए नहीं है।