उत्तर प्रदेश के मेरठ मंडल से जुड़े बुलंदशहर जनपद के स्याना में सोमवार (3 दिसंबर) को कथित तौर पर गोकशी के बाद हिंसा भड़क उठी। हिंसक दक्षिणपंथी भीड़ में से किसी ने मौके पर पहुंचे कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी। फायरिंग में एक और युवक की भी मौत हो गई। उपद्रवी भीड़ ने पुलिस चौकी समेत कई वाहनों को फूंक डाला। मुख्यमंत्री ने एडीजी इंटेलीजेंस को मौके पर भेजा है और 48 घंटे में रिपोर्ट तलब की है।
हालांकि, बुलंदशहर हिंसा मामले में अब पुलिस ऐक्शन में आ गई है। एडीजी (लॉ ऐंड ऑर्डर) आनंद कुमार ने बताया कि गौहत्या की अफवाह के बाद हिंसा भड़कने के आरोप में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि हालांकि हिंसा का मुख्य आरोपी बजरंग दल के नेता योगेश राज को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
इस मामले में पुलिस ने कुल 27 नामजद और 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या यानी भीड़ की हिंसा के मामले में बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज को पुलिस की एफआईआर में मुख्य आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा बीजेपी युवा स्याना के नगराध्यक्ष शिखर अग्रवाल, विहिप कार्यकर्ता उपेंद्र राघव को भी नामजद किया गया है।
योगी के मंत्री का सनसनीखेज दावा
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने इस हिंसा की टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा कि यह घटना तब क्यों हुई जब शहर में मुसलमानों का इज्तमा चल रहा है? साथ ही राजभर ने इस घटना के लिए विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने कहा, “यह (बुलंदशहर हिंसा) विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और बजरंग दल की पहले से ही रची गई साजिश है। पुलिस अब कुछ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लोगों के नाम भी इसमें सामने ला रही है। मुस्लिमों के इत्जिमा कार्यक्रम के दौरान ही विरोध प्रदर्शन क्यों हुआ? यह बुलंदशहर की शांति को प्रभावित करने का एक प्रयास था।”
Uttar Pradesh Minister OP Rajbhar: This is a pre planned conspiracy by VHP, Bajrang Dal and RSS, now police is even naming some BJP members. Why protest happened on same day as Muslim Ijtema event? It was an attempt to disturb peace #Bulandshahr pic.twitter.com/smOFRWnGad
— ANI UP (@ANINewsUP) December 4, 2018
बहन बोली- अखलाक हत्या मामले की जांच कर रहे थे मेरे भाई, इसलिए उन्हें मारा गया
इस बीच शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की बहन ने कहा कि मेरा भाई अखलाक हत्या मामले की जांच कर रहे थे इसलिए उन्ही हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि ये सब पुलिस की साजिश है। उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए और उनका स्मारक बनना चाहिए। हमें पैसा नहीं चाहिए।
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में उन्होंने कहा, “मेरे भाई अखलाक हत्या के मामले की जांच कर रहा था और इसी वजह से उनकी हत्या हुई है, यह पुलिस की साजिश है। उन्हें शहीद घोषित करना चाहिए और मेमोरियल बनाया जाना चाहिए, हमें पैसे नहीं चाहिए, सीएम केवल गाय, गाय गाय करते हैं।”
Sister of Policeman Subodh Singh:My brother was investigating Akhlaq case&that is why he was killed,its a conspiracy by Police.He should be declared martyr and memorial should be built. We do not want money. CM only keeps saying cow cow cow. #Bulandshahr pic.twitter.com/ohILXKCj3w
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 4, 2018
आपको बता दें कि शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह दादरी के अखलाक हत्याकांड में 28 सितम्बर 2015 से 9 नवम्बर 2015 तक जांच अधिकारी थे, इस मामले में चार्जशीट दूसरे जांच अधिकारी ने मार्च 2016 मे दाखिल की थी। साल 2015 में घर में कथित तौर पर गोमांस रखने के आरोप में दादरी के बिसाहड़ा गांव में मोहम्मद अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
इस बीच शहीद के बेटे अभिषेक ने धर्म के आधार समाज में फैलाई जा रही सांप्रदायिक हिंसा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता मुझे एक अच्छा नागरिक बनाना चाहते थे जो धर्म के नाम पर समाज में हिंसा को नहीं भड़काएगा। आज मेरे पिता हिंदू-मुस्लिम विवाद में शहीद हो गए, कल किसके पिता अपनी जान की कुर्बानी देंगे?’
Abhishek, son of deceased policeman Subodh Kumar Singh: My father wanted me to be a good citizen who doesn't incite violence in society in the name of religion. Today my father lost his life in this Hindu-Muslim dispute, tomorrow whose father will lose his life? #Bulandshahr pic.twitter.com/zpFJoI4O2R
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 4, 2018
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह हैरत वाली बात है कि कैसे भीड़ द्वारा उस अधिकारी की हत्या कर दी गई जिसने अखलाक मामले की जांच की थी। इन लोगों को कानून को हाथ में लेने का अधिकार किसने दिया है? राज्य की चिंता करने के बजाए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तेलंगाना में जहर फैला रहे हैं।
Kapil Sibal, Congress : It's a shocking state of affairs how a mob killed a police officer investigating the Akhlaq case. Who gives these people the authority to take law in their hands? Instead of taking care of his state Yogi is going to Telangana & spewing venom. #Bulandshahr pic.twitter.com/ENUCCe5f2g
— ANI (@ANI) December 4, 2018
वहीं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने कहा है कि अगर यह वाकई गोकशी का मामला है तो पुलिस को जांच करनी चाहिए की कौन वहां गौमांस लेकर आया, इस इलाके में कोई अल्पसंख्यक भी नहीं है।
Azam Khan,Samajwadi Party: If it is indeed cattle carcass then Police should also probe as to who brought the carcass there, as there is no minority population in that particular area. #Bulandshahr pic.twitter.com/x3Qq8ByU02
— ANI UP (@ANINewsUP) December 4, 2018
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि बुलंदशहर में जो कुछ भी हुआ है उसकी वजह से मानवता शर्मसार हो गई। राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि जो भी इस घटना के जिम्मेदार हैं उनको न्याय की परिधि में लाया जाएगा। उन्होंने लोगों से शांति से अपील करते हुए कहा कि ऐसे लोगों से सतर्क रहें जो अपने फायदे लिए अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
Union Minister Mukhtar Abbas Naqvi: What happened in #Bulandshahr has let down humanity. State govt has said that whoever is responsible will be brought to justice without any bias.I appeal to people to stay cautious of the elements who are creating unrest for their own interests pic.twitter.com/JYxuM2IZ2E
— ANI (@ANI) December 4, 2018