मुजफ्फरपुर कांड: सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश सरकार को फिर लगाई फटकार, कहा- ‘आप क्या कर रहे हैं?, यह शर्मनाक है’, 24 घंटे के अंदर FIR में नई धारा जोड़ने का दिया आदेश

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बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर बिहार की नीतीश सरकार को फटकार लगाई है। बालिका गृह कांड मामले में सही तरीके से एफआईआर दर्ज नहीं होने पर कड़ी टिप्पणी करते हुए शीर्ष अदालत ने बिहार सरकार के रवैये को अमानवीय और शर्मनाक बताया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिहार सरकार की मानसिकता दुर्भाग्यपूर्ण है।

अदालत ने कहा कि बच्चों के साथ इतना बड़ा हादसा हुआ और सरकार कुछ कर नहीं रही है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि बिहार सरकार 24 घंटे के भीतर FIR में नई धाराएं जोड़े। शीर्ष अदालत ने कहा कि बिहार सरकार की कार्रवाई को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। FIR में धारा 377 नहीं लगाने पर नाराजगी जताते हुए शीर्ष अदालत ने मुख्य सचिव को बुधवार दो बजे तक गलती को सुधारने का आदेश दिया।

दरअसल, इस मामले की सुनवाई के लिए बिहार के मुख्य सचिव सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। इस दौरान शीर्ष अदालत ने मुख्य सचिव से पूछा, ‘आपने वक्त पर एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की? जांच कैसे कर रहे हैं? देरी से एफआईआर दर्ज करने का मतलब क्या रह जाता है? रिपोर्ट कहती है कि बालिका गृह में बच्चों के साथ दुष्कर्म हुआ लेकिन पुलिस ने धारा-377 के तहत मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया? ये बेहद अमानवीय और शर्मनाक है। आपने एफआईआर में हल्की धाराएं जोड़ी हैं।

न्यूज एजेंसी एनएनआई के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब हमने पाया कि धारा 377 और पॉक्सो एक्ट के तहत भी मामला बना है लेकिन आपने एफआईआर ही दर्ज नहीं कि ऐसे में क्या सरकार के खिलाफ आदेश पारित करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आप (बिहार सरकार) क्या कर रहे हैं? यह शर्मनाक है। अगर बच्चे के साथ कुकर्म हो रहा है और आप कहते है कि यह कुछ भी नहीं है? भला आप यह कैसे कर सकते हैं? यह अमानवीय है।

एनडीटीवी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई कल यानी बुधवार दोपहर दो बजे तक के लिए टाल दी है। कोर्ट ने बिहार सरकार को 24 घंटे में एफआईआर में बदलाव करने के लिए कहा है। इसके साथ ही मुख्य सचिव को भी आदेश दिए हैं कि वे सुनवाई के दौरान कोर्ट में ही मौजूद रहें। बिहार सरकार को लताड़ लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि मई में रिपोर्ट आई और आपने अब तक इस पर क्या एक्शन लिया? आपका रवैया ऐसा है कि अगर किसी बच्चे के साथ दुराचार होता है तो आप जुवेनाइल बोर्ड के खिलाफ ही कार्रवाई कर देंगे?

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