तेलंगाना चुनाव: अमित शाह ने कहा- BJP अल्पसंख्यकों के लिए 12 फीसदी आरक्षण को लागू नहीं होने देगी

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केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार (25 नवंबर) को कहा कि उनकी पार्टी तेलंगाना सरकार को अल्पसंख्यकों के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण को लागू करने की इजाजत नहीं देगी। वारंगल जिले के पार्कला में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि बीजेपी न तो धर्म के आधार पर कोटा प्रदान करेगी और न ही दूसरों को ऐसा करने देगी। बीजेपी तेलंगाना सरकार को अल्पसंख्यकों के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण को लागू करने की इजाजत नहीं देगी।

(AFP file photo )

वारंगल में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा, “तेलंगाना के मुख्यमंत्री (के. चंद्रशेखर राव) ने अल्पसंख्यकों के लिए 12 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव किया है जो एससी/एसटी या ओबीसी के आरक्षण कोटा को हटाए बिना संभव नहीं है। बीजेपी धर्म के आधार पर किसी भी आरक्षण के खिलाफ है और किसी और को ऐसा करने की इजाजत भी नहीं देगी।”

आपको बता दें कि अमित शाह तेलंगाना विधानसभा द्वारा पारित उस प्रस्ताव का जिक्र कर रहे थे जिसमें मुस्लिमों के लिए नौकरियों और शिक्षा में मौजूदा चार प्रतिशत आरक्षण को बढ़कर 12 प्रतिशत किए जाने की मांग की गई है। इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेज दिया गया है।

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) अपने चुनावी भाषणों में मुसलमानों के लिए कोटा न बढ़ाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रहे हैं। समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक टीआरएस के कदम को ‘असंवैधानिक’ बताते हुए बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कुल आरक्षण पर 50 फीसदी की सीमा तय कर दी है।

उन्होंने टीआरएस से यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि उन्होंने किस का आरक्षण कम कर अल्पसंख्यकों को आरक्षण प्रदान करने का प्रस्ताव दिया है। शाह ने कहा कि उनकी पार्टी अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़े वर्गों के आरक्षण की रक्षा के लिए एक चट्टान के रूप में खड़ी होगी।

चुनाव रैलियों को संबोधित करने के लिए तेलंगाना की एक दिवसीय दौरे पर आए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दावा किया कि केवल उनकी पार्टी तेलंगाना में वह सरकार प्रदान कर सकती है जो मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) और उसके नेता असदुद्दीन ओवैसी पर निर्भर नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सात दिसंबर के चुनाव राज्य का भविष्य तय करेंगे।

 

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