केंद्र में बैठी नरेंद्र मोदी सरकार ने बीजेपी के राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर की मदद से रिपब्लिक टीवी की स्थापना करने वाले अर्नब गोस्वामी को तोहफा देते हुए नई दिल्ली में मौजूद नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नया सदस्य बना दिया है। अर्नब के अलावा तीन और लोगों को इस प्रतिष्ठित संस्थान का सदस्य बनाया गया है। सूत्रों के मुताबिक, तीन मूर्ति एस्टेट में सभी प्रधानमंत्रियों के लिए एक संग्रहालय बनाने के कदम का विरोध करने वाले चार सदस्यों की जगह पर इनकी नियुक्ति की गई है।
फाइल फोटो: अर्नब गोस्वामीबीते 29 अक्टूबर को संस्कृति मंत्रालय की ओर से जारी अध्यादेश में नए सदस्यों की नियुक्ति के बारे में जानकारी दी गई है। संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय (एनएमएमएल) में पत्रकार अर्नब गोस्वामी के अलावा पूर्व विदेश सचिव एस. जयशंकर, बीजेपी सांसद विनय सहस्रबुद्धे और पत्रकार एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) के अध्यक्ष राम बहादुर राय को बतौर सदस्य नियुक्त किया है। नए सदस्यों का कार्यकाल 26 जुलाई 2020 तक या फिर अगले आदेश तक बना रहेगा।
सरकार के समर्थकों सहित अर्नब गोस्वामी की नियुक्ति को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर बहस हो रही है। सोशल मीडिया यूजर्स सहित अर्नब के पूर्व सहयोगी उनकी तीखी आलोचना कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि अर्नब जब टाइम्स नाउ में एडिटर इन चीफ थे तो दिल्ली में कार्यरत पत्रकारों को ‘लुटियंस मीडिया’ संबोधित कर आलोचना करते रहते थे, लेकिन आज खुद सरकार की ‘भक्ति’ करने में लगे हुए हैं। अर्नब के साथ टाइम्स नाउ में काम कर चुके उनके कई सहयोगियों ने ट्वीट कर निशाना साधा है।
In 13 Yrs Of Covering @HMOIndia I’ve NOT Interacted With A SINGLE Journalist Who Lives In Lutyens Delhi!..We All Do Our Honest Day’s Job There Because Of Our Professional Requirements…MOST of Us Wud NOT Set Our Foot There If Our Professional Requirements Do Not Entail It..2/.
— Nikunj Garg (@NikunjGargN) November 3, 2018
My greatest "achievement" was to find fault in Lutyens media and then I quietly become member of Nehru Memorial Museum & Library society. So typical of "independent" media. https://t.co/rGdsbzyzFr
— bhavatosh singh (@bhavatoshsingh) November 3, 2018
आलोचना के बाद चैनल ने हटाया अर्नब का लेख
इस बीच नेहरू मेमोरियल में सदस्य नियुक्त किए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का सामना कर रहे अर्नब गोस्वामी के एक पुराने लेख को उनके चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ ने अपनी वेबसाइट से हटा दिया है। इस लेख में अर्नब गोस्वामी ने ‘लुटियंस मीडिया’ की आलोचना की थी। हालांकि, अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि चैनल ने अर्नब के लेख को नेहरू मेमोरियल में नियुक्ति के बाद हटाया है या पहले ही डिलीट कर दिया है।
विरोध करने वाले तीन सदस्यों की छुट्टी
बीते 29 अक्टूबर को जारी की गई एक अधिसूचना के मुताबिक केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने अर्थशास्त्री नितिन देसाई, प्रोफेसर उदयन मिश्रा और पूर्व नौकरशाह बी.पी. सिंह को सदस्य पद से हटाया है। एक अन्य सदस्य प्रताप भानु मेहता ने शक्ति सिन्हा को एनएमएमएल का निदेशक नियुक्त करने के मुद्दे पर 2016 में इस्तीफा दे दिया था। आदेश के मुताबिक नवनियुक्त सदस्य 25 अप्रैल 2020 तक एनएमएमएल में अपनी सेवाएं देंगे। सूत्रों ने बताया कि प्रताप भानु मेहता, बी.पी. सिंह और उदयन मिश्रा ने तीन मूर्ति एस्टेट में सभी प्रधानमंत्रियों के लिए संग्रहालय बनाने के निर्णय का खुला विरोध किया था।
यौन उत्पीड़न के आरोपी अकबर पद पर कायम
कई महिला पत्रकारों की ओर से यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के बाद बीते 17 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले एमजे अकबर अभी भी एनएमएमएल की कार्यकारी परिषद के उपाध्यक्ष पद पर बने हुए हैं। 15 अक्टूबर को संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने संग्रहालय के लिए ‘भूमि पूजन’ किया था। एनएमएमएल के निदेशक शक्ति सिन्हा ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘उनके कार्यकाल खत्म नहीं हुए हैं। उनकी जगह अन्य लोगों की नियुक्ति की गई है।’’