वर्ष 1943 में सुभाष चंद्र बोस की ओर से की गई, ‘आजाद हिंद सरकार’ के गठन की घोषणा के 75 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (21 अक्टूबर) को कहा कि भारत कभी किसी दूसरे के भू-भाग पर नजर नहीं डालता, लेकिन यदि उसकी संप्रभुता को चुनौती दी गई तो वह ‘‘दोगुनी ताकत’’ से पलटवार करेगा।
@PIB_Indiaसाथ ही प्रधानामंत्री मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार सशस्त्र बलों को बेहतर प्रौद्योगिकी और नवीनतम हथियारों से लैस करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बेहतर सुविधाएं मुहैया कराकर जवानों की जिंदगी आसान बनाने की कोशिशें चल रही हैं। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने सीमा पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक करने और पूर्व सैनिकों के लिए ‘वन रैंक, वन पेंशन’ योजना लागू करने जैसे फैसले किए।
समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा के मुताबिक, बोस के करीबी सहयोगी लालती राम की ओर से भेंट की गई ‘आजाद हिंद फौज’ की टोपी पहनकर मोदी ने कहा कि किसी दूसरे के भू-भाग पर नजर डालना भारतीय परंपरा नहीं रही है, ‘‘लेकिन जब हमारी संप्रभुता को चुनौती दी जाएगी तो हम दोगुनी ताकत से पलटवार करेंगे।’’ लालती राम ‘आजाद हिंद फौज’ के जीवित बचे गिने-चुने सदस्यों में से एक हैं।प्रधानमंत्री ने इस मौके पर लाल किला में राष्ट्र ध्वज भी फहराया।
प्रधानमंत्री ने लोगों को भारत के भीतर और बाहर की ऐसी ताकतों के खिलाफ आगाह किया जो देश और इसके संवैधानिक मूल्यों को निशाना बनाकर इसके खिलाफ काम कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार बोस के सपनों को साकार करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि अब एक पारदर्शी प्रक्रिया के बाद थलसेना में महिलाओं को ‘शॉर्ट सर्विस कमीशन’ से स्थायी कमीशन में प्रवेश की अनुमति दी गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वायुसेना को जल्द ही महिला लड़ाकू पायलटों का पहला बैच मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के निर्माण का काम अंतिम चरण में है। बता दें कि प्रधानमंत्री ने रविवार को नए कलेवर वाले राष्ट्रीय पुलिस स्मारक और नवनिर्मित पुलिस संग्रहालय का उद्घाटन कर इसे राष्ट्र को समर्पित किया।
राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने शहीद पुलिसकर्मियों के सम्मान में बनाई गई 30 फुट ऊंची और 238 टन की काले ग्रेनाइट की मूर्ति, एक संग्रहालय और एक ऐसे पट्ट का अनावरण किया जिस पर 34,800 से ज्यादा शहीद पुलिसकर्मियों के नाम लिखे हुए हैं।