अमृतसर रेल हादसा: भीड़ देख ट्रेन ड्राइवर ने लगाई थी इमरजेंसी ब्रेक, लेकिन लोग फेंकने लगे पत्थर, पढ़ें- उस रात की पूरी कहानी, ड्राइवर की जुबानी

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पंजाब के अमृतसर में शुक्रवार (19 अक्टूबर) शाम जोड़ा फाटक के निकट रावण दहन देखने के लिए रेल की पटरियों पर खड़े लोगों के एक ट्रेन की चपेट में आने से 61 लोगों की मौत हो गई और 70 से अधिक अन्य घायल लोग हो गए। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दुर्घटनास्थल जोड़ा फाटक और अस्पतालों का दौरा करने के बाद घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। जब यह हादसा हुआ, उस समय ट्रेन जालंधर से आ रही थी और पटरियों के समीप मैदान पर ‘रावण दहन’ देखने के लिए कम से कम 300 लोग एकत्र थे। इसी बीच ट्रेन आ गई और लोगों को रौंदती हुई गुजर गई।

इस बीच अमृतसर रेल हादसे में ट्रेन के ड्राइवर अरविंद कुमार का पहली बार बयान सामने आया है। अरविंद ने अपने लिखित बयान में उस रात हुई पूरी घटनाक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दिया है। अरविंद ने बताया है कि लोगों की भीड़ देख उसने ट्रेन के इमरजेंसी ब्रेक लगाए गए थे, लेकिन इसके बावजूद उसकी गाड़ी के चपेट में कुछ लोग आ गए। ड्राइवर का दावा है कि हादसे के बाद ट्रेन रुकने की स्थिति में पहुंच गई थी, लेकिन अचानक लोगों ने ट्रेन पर पथराव शुरू कर दिया। ऐसे में ट्रेन में लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ड्राइवर ने वहां ट्रेन नहीं रोकी।

अरविंद ने बताया, ‘मैं 19 अक्टूबर 2018 को शाम 5 बजे ट्रेन नंबर डीपीसी 11091 का निरीक्षण करके चार्ज लिया। जालंधर के प्लैटफॉर्म 1 से 5:10 पर लेकर चला। शाम 6:44 बजे मानांवाला पहुंचकर 6:46 बजे येलो सिग्नल और ग्रीन सिग्नल मिलने पर अमृतसर के लिए चला। मानांवाला और अमृतसर के बीच गेट सं. 28 का डिस्टेंट और ग्रेट सिग्नल ग्रीन पास किया। इसके बाद गेट सं. 27 का डिस्टेंट और दोनों गेट सिग्नल को डबल येलो में लगातार हॉर्न बजाते हुए पास किया।’

जोड़ा फाटक के निकट घटनास्थल का जिक्र करते हुए ड्राइवर ने आगे बताया है, ‘जैसे ही गाड़ी केएम-नं. 508/11 के आसपास पहुंची तो सामने से गाड़ी सं. 13006 डीएन आ रही थी। अचानक लोगों का हुजूम ट्रैक के पास दिखाई दिया तो मैंने तुरंत लगातार हॉर्न बजाते हुए इमर्जेंसी ब्रेक लगा दिए। इमर्जेंसी ब्रेक लगाने पर भी मेरी गाड़ी की चपेट में कुछ लोग आ गए।’

अरविंद ने आगे बताया, ‘गाड़ी की स्पीड लगभग रुकने के करीब थी तो काफी बड़ा हुजूम (लोग) ने मेरी गाड़ी पर पत्थराव शुरू कर दिया। मैंने मेरी गाड़ी में बैठे हुए सवारियों की सुरक्षा को देखते हुए गाड़ी को आगे बढ़ाया और होम सिग्नल की स्थिति में अमृतसर स्टेशन पर आ गया। इसकी सूचना मैंने सभी संबंधित अधिकारियों को भी दे दी।’

आपको बता दें कि रावण दहन और पटाखे फूटने के बाद भीड़ में से कुछ लोग रेल पटरियों की ओर बढ़ने लगे जहां पहले से ही बड़ी संख्या में लोग खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे। ठीक उसी वक्त दो विपरीत दिशाओं से एक साथ दो ट्रेनें आईं। इस दौरान लोगों को बचने का बहुत कम समय मिला और भारी संख्या में लोग ट्रेन की चपेट में आ गए। इस घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई, बदहवास लोग अपने करीबियों को तलाशने लगे।

पंजाब सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए पांच-पांच लाख रूपये के मुआवजे का भी ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने दुर्घटना में घायल हुए सभी लोगों के लिए मुफ्त इलाज की घोषणा की है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के लिये दो-दो लाख रूपये और घायलों के लिये 50 हजार रूपये के मुआवजे का ऐलान किया है।

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