VIDEO: बहुत हुआ किसानों पर अत्याचार, अब तो कुछ शर्म कीजिए प्रधानमंत्री जी, किसानों के मार्च पर रिफत जावेद का स्पीक अप इंडिया

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‘स्पीक अप इंडिया’ भाग- 3 में बीबीसी के पूर्व संपादक और ‘जनता का रिपोर्टर’ के एडिटर इन चीफ रिफत जावेद ने ‘किसान क्रांति यात्रा’ के लेकर अपना नजरिया पेश किया है। रिफत जावेद ने किसान मार्च को लेकर मोदी सरकार से कुछ सवाल भी पूछे।

रिफत जावेद ने कहा कि यह किसान शांति पूर्ण से अपने मार्च को आगे बढ़ा कर दिल्ली की और आ रहें थे ताकी मोदी सरकार इनकी मांगों को मान सके और उनसे बात कर सके। लेकिन यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस से अन्नदाताओं पर गोलियां चलाई।

इसी तरह उन्होंने किसानों पर हो रहें अत्याचार को लेकर मोदी सरकार का नजरिया पेश किया और साथ ही उन्होंने सरकार को आग्रह किया कि अगर किसान पर इसी तरह से अत्याचार होते रहें तो इसका नुकसान उन्हें होने वाले चुनाव में उठाना पड़ सकता है।

बता दें कि मंगलवार को हरिद्वार से दिल्ली के लिए निकली किसान क्रांति यात्रा को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमा पर रोके जाने के साथ किसानों ने यूपी गेट पर कब्जा कर लिया और ‘‘जय जवान जय किसान’’ के नारे के साथ साथ सरकार विरोधी नारे लगाते हुए अपने आक्रामक तेवर भी दिखाए। भारतीय किसान क्रांति यात्रा को राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है।

दिल्ली में घुसने की कोशिश कर रहे भारतीय किसान यूनियन के प्रदर्शनकारियों पर मंगलवार को दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा के निकट गाजीपुर में पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। यूनियन के नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसान कर्ज माफी तथा अन्य मांगों को लेकर राजधानी में प्रदर्शन के लिए आना चाहते हैं।

किसानों ने जब गाजीपुर में पुलिस घेराबंदी तोड़कर आगे बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने पहले उन पर पानी की बौछार की और इसके बाद भी जब वे नहीं माने तो आंसू गैस के गोले भी दागे। इस दौरान कुछ प्रदर्शकारियों को चोटें भी आई।

इस बीच, किसानों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उन पर लाठी चार्ज किया और गोलीबारी भी की। वहीं, एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने इस आरोप को खारिज कर दिया और कहा कि किसानों पर कोई फायरिंग नहीं की गई।

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