राफेल डील पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर हमलावर हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार(22 सितंबर) को दिल्ली में आयोजित शिक्षाविदों के एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख के बयान पर निशाना साधते हुए कहा, आप देश को संगठित करने वाले कौन हैं, क्या आप खुद को भगवान समझते हैं। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को लेकर कहा कि वो भारत को एक प्रॉडक्ट के रूप में देखते हैं।
फोटो: @INCIndiaदिल्ली के सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में राहुल गांधी ने देश के अलग अलग हिस्सों से आए शिक्षाविदों से संवाद किया जिमसें अपने वहां मौजूद शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और संघ प्रमुख मोहन भागवत पर खुलकर हमला बोला। जिसमें एक सवाल का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा, मोहन भागवत ने अपने भाषण में कहा था कि हम राष्ट्र को संगठित करने जा रहे हैं, वो देश को संगठित करने वाले कौन होत हैं? उन्होंने कहा, श्रीमान मोहन भागवत क्या आप खुद को भगवान समझते हो? उन्होंने कहा, देश खुद अपने को संगठित करेगा। अगले कुछ महीनों में उनका (मोहन भागवत) सपना चकनाचूर होने वाला है।
इसके बाद अपने संबोधन में राहुल गांधी ने अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा अमित शाह ने कहा ये (भारत) सोने की चिड़िया है यानि वो भारत को सिर्फ एक उत्पादके तौर पर देखते हैं। उन्होंने कहा, मेरे लिए भारत के साथ बातचीत किए बिना भारत का नेतृत्व करना नामुमकिन है। उन्होंने अपनी सोच से लोगों को अवगत कराते हुए बोला कि आपके दिन में जो भी है वो मुझे झलकना चाहिए। उन्होंने फिर एक बार संघ पर निशाना साधते हुए कहा, हम आरएसएस द्वारा सोने की चिड़िया पर कब्जा करने की कोशिश के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने इशारों-इशारों में स्वयंसेवक संघ पर हमला बोलते हुए कहा, मैं समझता हूं लोगों पर एक विचारधारा को थोपा जा रहा है, ऐसा लगता है कि आपकी स्वतंत्रता पर हमला किया जा रहा है। मुझे लगता है कि आप अकेले ऐसे नहीं हैं जो ऐसा महसूस कर रहे होंगे। साथ ही उन्होंने कहा, इस देश का मजदूर, शिक्षक और लगभग सभी लोग ऐसा महसूस कर रहे हैं।
इससे पहले भी राहुल गांधी अपने यूरोपीय देशों के दौरे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साध चुके हैं। जिसमें उन्होंने संघ की तुलना अरब देशों के इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से करते हुए कहा था कि ‘हम एक संगठन से लड रहे हैं जिसका नाम आरएसएस है जो भारत के मूल स्वरूप (नेचर आफ इंडिया) को बदल देना चाहता है। भारत में ऐसा कोई दूसरा संगठन नहीं है जो देश के संस्थानों पर कब्जा जमाना चाहता हो’। राहुल गांधी ने कहा कि मैं यहां आप लोगों के बीच में एक शिक्षक के रूप में संवाद करने नहीं आया हूं बल्कि मैं यहां एक स्टूडेंट के रूप में आया हूं, एक स्टूडेंट के रूप में मैं आप लोगों को सुनना चाहता हूं।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि शिक्षा प्रणाली को लेकर मेरे अपने अलग विचार हैं लेकिन में आप लोगों की विचारधारा का सम्मान करता हूं। कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा, भारतीय शिक्षा प्रणाली को अपनी स्वयं की आवाज़ और अपने स्वतंत्र विचार अभिव्यक्त करने की अनुमति होनी चाहिए।’ राहुल गांधी ने अपने संबोधन में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का जिक्र करते हुए कहा , ‘ओबामा ने जब भारत की तारीफ़ की थी तो उनका मतलब यहां की बड़ी बड़ी बिल्डिंग्स से नहीं बल्कि यहां के शिक्षकों से था।’
इसी के साथ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की तरफ से आर्थिक रूप से कभी कटौती नहीं की जानी चाहिए। आगे उन्होने ये भी कहा कि आजादी के बाद से हर सरकार ने सफलता ही प्राप्त की है लेकिन ऐसा पहली बार है जब शिक्षकों पर कोई ख़ास विचारधारा थोपी जा रही है। राहुल गांधी ने आगे कहा, ‘मैं इसे समझता हूं, एक अरब से अधिक लोगों का देश शायद एक ख़ास सोच पर नहीं चलाया जा सकता है। दरअसल हम अपने लोगों को अभिव्यक्ति की इजाजत देते हैं, यही हमारे देश की ताकत है।’