राफेल डील पर पूर्व HAL चीफ के बयान ने बढ़ाई मोदी सरकार की मुश्किलें, राहुल गांधी बोले- इस्तीफा दें RM (राफेल मिनिस्टर)

0

‘जनता का रिपोर्टर’ द्वारा राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे को लेकर किए गए खुलासे के बाद राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया है। कांग्रेस राफेल डील पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को बख्शने के मूड में नहीं हैं। ‘जनता का रिपोर्टर’ द्वारा उठाए गए सवाल के बाद सरकार और विपक्ष के बीच सौदे को लेकर घमासान जारी है। एक ओर जहां केंद्र सरकार इस सौदे को गोपनीयता का हवाला देकर सार्वजनिक करने से बच रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इसमें घोटाले का आरोप लगा रही है।

फाइल फोटो: राहुल गांधी

इस बीच हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के पूर्व चीफ टीएस राजू के एक बयान ने मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे का ठेका सरकारी उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को नहीं दिए जाने के संदर्भ में गुरुवार (20 सितंबर) को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर ‘झूठ बोलने’ का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।

एचएएल के पूर्व प्रमुख टीएस राजू के बयान से जुड़ी खबर ट्विटर पर पोस्ट करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘भ्रष्टाचार बचाव करने का काम संभाल रही आरएम (राफेल मिनिस्टर) का झूठ एक बार फिर पकड़ा गया है। एचएएल के पूर्व प्रमुख टीएस राजू ने उनके इस झूठ की कलई खोल दी है कि एचएएल के पास राफेल के विनिर्माण की क्षमता नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘उनका (सीतारमण) रुख अस्थिर है। उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।’

दरअसल, राहुल गांधी ने हिंदुस्तान टाइम्स की जो खबर शेयर की है उसके मुताबिक हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के पूर्व चीफ टीएस राजू ने कहा है कि एचएएल भारत में राफेल विमानों का विनिर्माण कर सकती थी। 1 सितंबर को रिटायर हुए राजू ने अखबार से बातचीत में कहा कि जब एचएएल चौथी पीढ़ी का 25 टन सुखोई-30 लड़कू विमान वायुसेना के लिए तैयार कर सकता है तो फिर हम क्या बात कर रहे हैं? हम निश्चित रूप से इसे तैयार कर सकते हैं।

कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी डसॉल्ट से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद का जो सौदा किया है, उसका मूल्य पूर्ववर्ती में संप्रग सरकार में किए गए समझौते की तुलना में बहुत अधिक है जिससे सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। पार्टी ने यह भी दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौदे को बदलवाया जिससे एचएएल से कॉन्ट्रैक्ट लेकर एक निजी समूह की कंपनी को दिया गया।

Previous articleशर्मनाक: नबालिग बेटी से बलात्कार के आरोप में 40 वर्षीय पिता गिरफ्तार, पीड़िता ने पड़ोसी को बताई आपबीती
Next articleBJP MP Nishikant Dubey’s another atrocious step, files cases ‘through proxies’ against journalists, media houses for carrying ‘feet-washing’ video